गुजरातसामाजिक/ धार्मिकसूरत सिटी

अणुव्रत समिति ग्रेटर सूरत द्वारा भव्य तिरंगा यात्रा एवं नशा मुक्ति रैली का आयोजन

अहिंसा द्वारा हिंसा पर विजय प्राप्त किया जा सकता है -साध्वी मधु बालाजी

पूर्व सैनिकों के सम्मान का कार्यक्रम भी हुआ आयोजित

अणुव्रत विश्व भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष, महामंत्री, संगठन मंत्री एवं अन्य पदाधिकारी भी रहे उपस्थित

सूरत।अणुव्रत विश्व भारती समिति के निर्देशन में अणुव्रत समिति ग्रेटर सूरत एवं तेरापंथ जैन समाज सूरत के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय सेना के शानदार विजय की अनुमोदना में भव्य तिरंगा यात्रा एवं अणुव्रत नशा मुक्ति रैली का आयोजन किया गया। यह भव्य तिरंगा यात्रा अणुव्रत द्वार से प्रारंभ होकर तेरापंथ भवन सिटी लाइट पहुंच कर विशाल सभा में परिवर्तित हो गई, जहां पर उसे अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या शासन श्री साध्वी श्री मधुबाला जी ने संबोधित किया। इसके साथ ही तेरापंथ भवन में पूर्व सैनिकों के सम्मान का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।


इस अवसर पर उपस्थित पूर्व सैनिकों, एन.सी.सी.कैडेट्स एवं सुश्रावकों की विशाल सभा को संबोधित करते हुए साध्वी श्री मधुबाला जी ने कहा — आज दुनिया में चहुं और हिंसा का साम्राज्य फैला हुआ है। अनेक राष्ट्रों के बीच परस्पर युद्ध हो रहे हैं। हिंसा का प्रभाव भले ही कुछ समय तक दिखाई देता हो लेकिन आखिर तो अहिंसा को ही अपनाना पड़ता है। अहिंसा ऐसी शक्ति है जिसके द्वारा हिंसा पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है।
साध्वी श्री मंजुलयशा जी ने कहा -हम जैन साधु अहिंसा के पुजारी हैं लेकिन हमारे भीतर भी देश प्रेम भरा हुआ है। जैन परंपरा में ऐसे अनेक राजा महाराजा हो चुके हैं जिन्होंने अहिंसा का पालन करते-करते भी राज्य की सुरक्षा के लिए हिंसा का सहारा लिया है। युद्ध के समरांगण में शत्रुओं को पराजित किया है। अहिंसा सौम्य अवश्य है लेकिन यह कायरता की निशानी नहीं है।
अणुव्रत विश्व भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रताप की दूगड़ ने कहा -आचार्य श्री तुलसी ने आजादी की दीर्घ जीविता के लिए एवं समाज व राष्ट्र में नैतिक मूल्यों को प्रस्थापित करने के लिए सन 1949 में अणुव्रत आंदोलन का प्रवर्तन किया। अणुव्रत अनेक समस्याओं का दीर्घजीवी समाधान देता है। मैं देश के वर्तमान एवं पूर्व सैनिकों को वंदन करता हूं क्योंकि, उनके कारण ही आज हमारा देश सुरक्षित एवं सलामत है।
गुजरात पूर्व सैनिक सोसायटी के संरक्षक श्री मनमोहन शर्मा ने कहा -अहिंसा को बचाने के लिए भी कभी-कभी हिंसा जरूरी बन जाती है। देश की सुरक्षा का सवाल होता है वहां हम अहिंसा का जाप कर बैठे नहीं रह सकते। जब दुश्मन के द्वारा हिंसा का आचरण होता है तो उसका जवाब भी हिंसा के द्वारा ही देना पड़ता है।

आजादी के बाद आज तक हुए सभी युद्ध में भारतीय सेना ने अपना कौवत एवं काबिलियत प्रदर्शित की है एवं सभी युद्ध में शानदार जीत भी प्राप्त की है। सेना में जुड़ने वाला प्रत्येक सैनिक देशभक्ति से सराबोर होता है। अब गुजरात से भी बड़ी संख्या में युवक भारतीय सैन्य में जुड़ रहे हैं। वर्तमान में भारतीय सेना ने अपनी ताकत पूरी दुनिया को दिखा दी है और उसका मुझे गौरव है।
पूर्व सैनिक एन.के. देसाई व एन.सी.सी कमांडेंट राहुल शर्मा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।


अणुव्रत समिति ग्रेटर सूरत के अध्यक्ष विमल लोढ़ा ने स्वागत वक्तव्य में भारतीय सेना के अप्रतिम शौर्य की मुक्त कँठों से प्रशंसा की।
अणुव्रत विश्व भारती के राष्ट्रीय महामंत्री मनोज सिंघवी, राजेश सुराणा आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। अणुव्रत विश्व भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री पायल चोरडिया एवं सूरत महानगरपालिका शासक पक्ष की नेता शशि बेन त्रिपाठी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व सैनिकों का सम्मान किया गया। युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवा धर्मपत्नियों का सम्मान कर उन्हें आर्थिक सहयोग भी दिया गया। कार्यक्रम का संचालन अणुव्रत समिति ग्रेटर सूरत के मंत्री श्री संजय बोथरा ने किया।

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