
नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारियों को राहत देते हुए एक अहम फैसला सुनाया है। अब जीएसटी विवादों में अपील करते समय व्यापारी आवश्यक 10% राशि नकद के बजाय अपने पास उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) से भी भर सकेंगे।
अब तक जीएसटी विभाग की ओर से यह शर्त रखी जाती थी कि अपील के लिए 10 प्रतिशत राशि अनिवार्य रूप से नकद में ही जमा की जाए। इससे व्यापारियों को नकदी की कमी के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, जबकि उनके पास बड़ी मात्रा में आईटीसी जमा रहता था, जिसका सीमित उपयोग ही संभव था।
इस व्यवस्था को चुनौती देते हुए व्यापारियों ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने व्यापारी पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि अपील के लिए क्रेडिट से भी राशि भरी जा सकती है। हालांकि, जीएसटी विभाग ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अब हाईकोर्ट के निर्णय को सही ठहराते हुए व्यापारी पक्ष में अंतिम मुहर लगा दी है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला?
- क्रेडिट का उपयोग अब अपील में संभव: व्यापारी अब नकद भुगतान के बजाय जमा क्रेडिट से अपील हेतु राशि का भुगतान कर सकेंगे।
- व्यापारिक नकदी प्रवाह पर सकारात्मक असर: नकद की आवश्यकता घटने से व्यापारी अपने कार्यशील पूंजी को व्यापार विस्तार में उपयोग कर सकेंगे।
- विवाद का अंत: पिछले कई वर्षों से अपील में नकद या क्रेडिट को लेकर जारी मतभेद का अंत हो गया है।
- आर्थिक बोझ में कमी: क्रेडिट का उपयोग संभव होने से व्यापारियों पर नकदी निकालने का दबाव नहीं रहेगा।
- तेजी से निपटेंगे अपील के मामले: जमा क्रेडिट से राशि भरने की सुविधा से अपील प्रक्रियाएं भी तेज होंगी।
जीएसटी के अंतर्गत यह प्रावधान है कि अपील दर्ज करने के लिए कुल विवादित कर राशि का 10% हिस्सा पहले जमा करना होता है। लेकिन यह जमा केवल नकद में स्वीकार्य होने के कारण व्यापारी आर्थिक रूप से बोझ महसूस कर रहे थे। व्यापारी संगठन लगातार इस पर आपत्ति जता रहे थे और अंततः यह मामला हाईकोर्ट पहुँचा।
गुजरात हाईकोर्ट ने माना कि यदि व्यापारी के पास पर्याप्त इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध है तो वह इस राशि से अपील योग्य जमा कर सकता है। इसे जीएसटी विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहां भी विभाग की याचिका खारिज हो गई।
टैक्स सलाहकार नारायण शर्मा ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला व्यापारियों के लिए बहुत बड़ी राहत है। इससे नकदी संकट की स्थिति में सुधार होगा और अपील प्रणाली सरल तथा सुलभ बनेगी। यह निर्णय जीएसटी के अधिक व्यावहारिक क्रियान्वयन की दिशा में अहम कदम है।