गणगौर पर्व : उधना में धूमधाम से मनाया गया बंदोरा उत्सव
सूरत। राजस्थानी पारंपरिक त्योहार गणगौर का पर्व होली के दूसरे दिन से आरंभ हो गया है। इस अवसर पर नवविवाहित और सुहागन महिलाएं गणगौर पूजन कर अपने सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। चैत्र शुक्ल द्वितीया (सिंजारा) को महिलाएं गणगौर को नदी, तालाब या सरोवर पर जल अर्पित कर पूजन करती हैं और अगले दिन विसर्जन करती हैं।
शनिवार, 22 मार्च 2025 को उधना स्थित भराड़िया हाउस, आशा नगर-1 में गणगौर बंदोरा उत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्री रामायण प्रचार महिला मंडल, उधना की रेखा भराड़िया और रितु भराड़िया ने बताया कि चैत्र प्रतिपदा से शीतला सप्तमी तक विभिन्न घरों में बंदोरा आयोजन हो रहा है। इस दौरान महिलाएं पारंपरिक गीतों के साथ घुड़ला घुमाती हैं और गणगौर माता की पूजा-अर्चना करती हैं।
गणगौर पूजन के दौरान महिलाएं सुबह दातून कर गौराजी को न्योता देती हैं और गेहूं-चना की घुंघरी बनाकर भोग अर्पित करती हैं। रात्रि में सोसाइटी में घुड़ला घुमाने की परंपरा निभाई जाती है, जिसमें महिलाएं पारंपरिक गीत गाती हैं—
“खिपौली म्हारी खीपां छाई, तारा छाई रात,
भावंजडी म्हारी पुता छाई, वीरा के प्रताप या नगरी…”
इस उत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया और गणगौर माता से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।