अभातेयूप द्वारा आयोजित मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव –सूरत में कुल 7784 यूनिट रक्त एकत्रित
तेरापंथ युवक परिषद के 61वें स्थापना दिवस व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर

सूरत। विश्व की सबसे बड़ी रक्तदाता संस्था अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद (अखिल भारतीय तेयुप) के 61वें स्थापना दिवस एवं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के 75वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में 17 सितम्बर 2025, बुधवार को मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव – रक्तदान अमृत महोत्सव 2.0 का विश्व स्तरीय आयोजन किया गया। इस भव्य अभियान के अंतर्गत विश्वभर में 7500 से अधिक रक्तदान शिविर आयोजित हुए।
सूरत शहर में तेयुप की तीनों शाखाओं—तेयुप सूरत, तेयुप उधना और तेयुप पर्वत पाटीया—द्वारा सामूहिक रूप से रक्तदान शिविर आयोजित किए गए, जिनमें कुल 7784 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ।
तेयुप सूरत द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 51 कैंप लगाए गए, जिनमें तेयुप सूरत का अकेले 5700 यूनिट रक्तदान हुआ।तेयुप उधना द्वारा 13 स्थानों पर शिविर आयोजित कर 820 यूनिट रक्तदान एकत्रित हुआ।तेयुप पर्वत पाटीया द्वारा 11 स्थानों पर कैंप लगाकर 1264 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया।

सूरत क्षेत्र में इन शिविरों के सफल संचालन के लिए 400 से अधिक कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई,साथ ही कई सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी प्राप्त हुआ। रक्तदान केंद्रों पर मेयर श्री दक्षेश मवाणी, पुलिस कमिश्नर श्री अनुपमसिंह गहलोत, डिप्टी पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) श्री पन्ना मोमया एवं डिप्टी पुलिस कमिश्नर डॉ. निधि ठाकुर सहित कई जनप्रतिनिधि व गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। डॉ.ठाकुर ने स्वयं रक्तदान कर महिलाओं को प्रेरक संदेश दिया।
तेयुप सूरत अध्यक्ष नमन मेडतवाल, मंत्री कल्पेश बाफना, तेयुप उधना अध्यक्ष कमलेश बाफना, मंत्री अनिल सिंघवी, तेयुप पर्वत पाटीया अध्यक्ष अमित बुच्चा, उपाध्यक्ष शैलेश चंडालिया, संयोजक प्रदीप पुगलिया एवं मंत्री अशोक कोचर के नेतृत्व में टीमों ने आयोजन को सफल बनाया।

गौरतलब है कि अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद वर्ष 2014 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है। इस वर्ष भी हेल्थ मिनिस्ट्री, रेलवे मिनिस्ट्री व IRCTC के सहयोग से देशभर में MBDD अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ। प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर उद्घोषणाएँ और ऑनलाइन टिकट बुकिंग पोर्टल पर प्रचार से जन-जन तक यह संदेश पहुँचा और परिणामस्वरूप सूरत सहित पूरे देश में रक्तदान की क्रांति देखने को मिली।




