सामाजिक/ धार्मिकसूरत सिटी

देशभक्ति के रंगों से सजी गोष्ठी का आयोजन

सूरत।दिनांक 16/5/2025, को बिंदु शर्मा के आवास पर महिला काव्य (मंच मन से मंच तक) की मासिक गोष्ठी संपन्न हुई।गोष्ठी का आरंभ सामूहिक सरस्वती वंदना से किया, तदोपरान्त अध्यक्ष पूनम गुजरानी ने वार्षिक रिपोर्ट तथा साल भर आयोजित कार्यक्रमों का समीक्षात्मक विश्लेषण पेश किया तथा आय व्यय का ब्यौरा दिया।
बिंदु शर्मा ने अपने पिताजी, पंडित बाल कृष्ण शास्त्री  की देश भक्ति की ऊर्जा से ओतप्रौत रचना ” एक बार चल पड़े तो नौजवान चल पड़े” का पाठ किया।ऑपरेशन सिंदूर और देश भक्ति की भावनाओं को बल देते हुई कनक बरमेचा ने सिंदूर की गाथा सुनाई तो रजनी जैन ने पहलगाम में खोई ज़िन्दगी की पहेली को सुलझाने की कोशिश की।प्रतिभा बोथरा ने “जब एक हो गया हिन्दुस्तान” से उपस्थित मानस मन को छू लिया।
नीरू तलवार ने गज़ल “यही मुश्किल है कि हम दिल से लगा बैठे हैं ” में प्रियतम से शिकायत कर वाह वाही लूटी।
रेणुका झा ने “अब मैं कौन हूं “सुना कर मां के अस्तित्व से मुलाकात कर दी।अंजना लाहोटी ने भाई बहन के रिश्ते पर काव्य पाठ किया तो शकुन डागा ने मां की ममता के कसीदे गढ़ दिए।मंजू मित्तल ने काव्य में प्रभु के द्वारा दिए जीवन यात्रा की चर्चा की तो रश्मि दाधीच ने स्वयं के अस्तित्व और ज़िन्दगी में प्रभु पर विश्वास की गहरी बात बताई।निम्मी गुप्ता ने “अथ श्री मूषक आयन कथा ” के माध्यम से चूहे के द्वारा काटने का चलचित्र दिखा कर सभी को गुदगुदा दिया।
मंजीत कौर ने “बोलो कब तक दूर रहेंगे मेरा मस्तक चरण तुम्हारे” के माध्यम से प्रेम की आसक्ति की बात की।गोष्ठी के अंत में पूनम गजल “कहीं पर एक राजा है कहीं पर एक रानी है,हमारी मुंह जुबानी है यह बच्चों की कहानी है “सुना कर यथार्थ से परिचय करा दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button