
सूरत।Yसूरत के पर्वत पाटिया क्षेत्र में किराना दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति के 13 वर्षीय बेटे के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार की गई 23 वर्षीय महिला ट्यूशन शिक्षिका ने अब कोर्ट में गर्भपात की अनुमति के लिए अर्जी दाखिल की है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। रिमांड खत्म होने के बाद उसे लाजपोर जेल भेजा गया था।
अब आरोपी शिक्षिका ने अपने वकील वाजिद शेख के माध्यम से सूरत कोर्ट में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट की धारा 3 और 4 के अंतर्गत गर्भपात की अनुमति हेतु आवेदन किया है। कोर्ट में प्रस्तुत अर्जी में कहा गया है कि यदि गर्भपात नहीं कराया गया तो उसके जीवन को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। यह अर्जी विशेष कोर्ट में सुनवाई के लिए आगामी सप्ताह निर्धारित की गई है।
वकील वाजिद शेख ने गर्भपात की अनुमति हेतु कई तर्क कोर्ट में रखे, जिनमें यह भी शामिल था कि यदि इस तरह से बच्चा जन्म लेता है, तो उसके पालन-पोषण की जिम्मेदारी कौन लेगा? शिकायत के अनुसार पीड़ित बालक की उम्र मात्र 13 वर्ष है, ऐसे में जन्म लेने वाले बच्चे की सामाजिक स्वीकार्यता भी एक बड़ा प्रश्न है।
अर्जी में यह भी उल्लेख किया गया कि मेडिकल साइंस के अनुसार इतनी कम उम्र के बालक के शुक्राणुओं से यदि गर्भ ठहरता है तो उस स्थिति में जो शिशु जन्म लेगा, वह कुपोषित हो सकता है। आरोपी शिक्षिका की मेडिकल रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि गर्भस्थ शिशु अत्यंत कमजोर अवस्था में है और पेट के भीतरी हिस्सों में उलझा हुआ है। डॉक्टरों के अनुसार यदि प्रसव कराया जाता है तो मां और बच्चे दोनों में से किसी एक की जान ही बचाई जा सकेगी।
लाजपोर जेल में शिक्षिका ने अपने वकील को बताया कि जेल में उसकी मानसिक स्थिति की जांच के साथ गर्भावस्था की भी जांच कराई गई थी, जिसमें डॉक्टरों ने स्पष्ट किया था कि गर्भस्थ शिशु कुपोषित है और गंभीर जटिलताएं हैं। ऐसे में गर्भपात कराना उसके जीवन की रक्षा के लिए आवश्यक है।