सूरत में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की दिशा में चेम्बर का अग्रणी कदम
ATIRA और AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दौरा, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सूरत को आगे लाने की तैयारी

सूरत। दक्षिण गुजरात के औद्योगिक विकास की अग्रणी संस्था दक्षिणी गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (चेम्बर) ने सूरत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाने के उद्देश्य से ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण पहल शुरू कर दी है। इसी कड़ी में चैंबर के प्रतिनिधिमंडल ने 16 जून 2025 को अहमदाबाद टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज रिसर्च एसोसिएशन (ATIRA) और गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी के AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दौरा किया। चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी के नेतृत्व में उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला, मानद मंत्री बिजल जरीवाला, पूर्व मानद मंत्री नीरव मंडलेवाला, सचिव पॉलिक देसाई और थॉमस जे. ई. सहित अन्य प्रमुख सदस्यों ने इन संस्थानों की कार्यप्रणाली, नवाचारों और तकनीकी सुविधाओं का गहन अवलोकन किया।
ATIRA देश का पहला टेक्निकल टेक्सटाइल अनुसंधान केंद्र है, जहां जियो फैब्रिक्स, मिश्रित सामग्री, रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्रों में उपयोगी विशेष वस्त्रों का अनुसंधान किया जाता है। यह संस्थान तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रशिक्षण, परीक्षण सेवाएं और गुणवत्ता मानकों के उन्नयन में सक्रिय भूमिका निभाता है। इसरो से लेकर वंदे भारत ट्रेनों तक के निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्रियों में ATIRA की महत्वपूर्ण भागीदारी रही है। प्रतिनिधिमंडल ATIRA द्वारा प्रदत्त सेवाओं, विशेष रूप से सूरत के कपड़ा उद्योग से जुड़े मॉड्यूल और तकनीकी नवाचारों से अत्यंत प्रभावित हुआ।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने गांधीनगर स्थित AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दौरा किया, जहां यह देखा गया कि शिक्षा, उद्योग और शासन के त्रिकोणीय समन्वय से स्टार्टअप्स, अनुसंधान, कौशल निर्माण और प्रशासनिक प्रणालियों का उत्कृष्ट विकास किया जा रहा है। यह सेंटर विशेष रूप से स्टार्टअप्स और लघु-मझोले उद्यमों को नवाचार, सहयोग और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करता है।
चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने स्पष्ट किया कि सूरत जैसे तीव्रगति से बढ़ते औद्योगिक शहर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना एक क्रांतिकारी कदम सिद्ध होगी। यह केंद्र स्थानीय उद्यमियों, टेक्नोक्रेट्स और युवाओं के लिए शोध, प्रशिक्षण, नवाचार और तकनीकी उन्नयन का सशक्त मंच बनेगा, जिससे न केवल सूरत का कपड़ा उद्योग, बल्कि अन्य मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्टअप सेक्टर भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती प्राप्त करेंगे। चेम्बर की यह पहल वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य में सूरत की सीधी और महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करेगी।