नवदीक्षितों की महाव्रत आरोहण बड़ी दीक्षा सम्पन्न:

नवदीक्षित श्री शमेश मुनि जी,श्री शुचित मुनि जी,श्री शशांत मुनि जी एवं नवदीक्षिता साध्वी श्री जिनिशा जी को (महाव्रत आरोहण) बड़ी दीक्षा प्रदान
घोड़दोड़, सूरत।आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. के सान्निध्य में नवदीक्षित श्री शमेश मुनि जी,श्री शुचित मुनि जी,श्री शशांत मुनि जी एवं नवदीक्षिता साध्वी श्री जिनिशा जी को (महाव्रत आरोहण) बड़ी दीक्षा प्रदान की गई। चारों नवदीक्षितों को तिक्खुतो, इच्छाकारेणं के पाठ से शुद्धिकरण कर आलोचना पाठ करवाया गया, जिसमें सात दिनों में जो भी कोई दोष लगा हो उसके लिए अंतःकरण क्षमायाचना करवाई और जीवन पर्यंत के लिए महाव्रत प्रदान किये।
युवाचार्य श्री महेन्द्रऋषि जी म.सा. ने प्रारंभ में नवकार महामंत्र का जाप करते हुए फरमाया कि आज बड़ी दीक्षा का का प्रसंग है, आचार्य भगवन के सान्निध्य में इन मुमुक्षुओं की न केवल अनुमोदना की अपितु श्रीदशवेंकालिक सूत्र के चार अध्ययन के माध्यम से न केवल अध्ययन किया गया उसे श्रवण भी किया गया। संयम एक ऐसा तत्व है जो मोक्ष के निकट पहुंचाता है, आज चारों नवदीक्षितों को बड़ी दीक्षा प्रदान कर अब ये साधु हमारे साथ आहार, स्वाध्याय आदि कर सकते हैं, हमारे हिस्सेदार होकर अब हमारे साथ जुड़ गए हैं।
प्रवर्तक श्री प्रकाशमुनि जी म.सा. ने महाव्रत आरोहण पर फरमाया कि अभी तक इन चारों नवदीक्षितों की सात दिन की सामायिक थी, अब आज से ये महाव्रती बन गए हैं। साथ ही उन्होंने नवदीक्षितों के लिए प्रसंग के माध्यम से आत्म गुणों में विकास कर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की।
प्रमुख मंत्री श्री शिरीष मुनि जी म.सा. ने महाव्रत आरोहण पर फरमाया कि शरीर, व्यवहार मुख्य नहीं है आत्मा मुख्य है, अपने शरीर को साधन बनाकर आत्म पोषण के लिए शरीर का उपयोग करें, जब कभी मन विषयों की ओर आकर्षित हो तो ये महाव्रत चौबीस घंटे साथ रहते हैं मन के पार जाने में सहायक है।
महासाध्वी श्री अर्चना जी म.सा. ने ‘‘साधु समभाव रखो जी’’ भजन प्रस्तुति के साथ अपने विचार रखे।
शांति भवन महिला मण्डल ने ‘‘स्वर्ग है उतरा आज धरा पर’’ भजन के माध्यम से आचार्य भगवन के प्रति श्रद्धा भावना प्रकट की।
सुश्रावक सुरेश चौपड़ा ने बताया कि दिनांक 10 मई 2025 को आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. आदि ठाणा-17 प्रातः शांति भवन से विहार कर पाण्डेसरा पधारेंगे।