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आचार्य भगवंत की पावन निश्रा में चार मुमुक्षु चले संयम पथ की ओर तीन बने बाल मुनि एवं एक बनी साध्वी जी

 

सूरत, उधना।
उधना की पुण्यभूमि पर श्री शिवाचार्य आत्म ध्यान फाउंडेशन के तत्वावधान में शिवाचार्य शमसवरण के भव्य पांडाल में आयोजित भव्य दीक्षा महोत्सव में आचार्य भगवंत शिव मुनि जी म.सा. के पावन सान्निध्य तथा लगभग 60 साधु-संतों की पावन उपस्थिति में चार मुमुक्षुओं ने सांसारिक जीवन का त्याग कर संयम मार्ग को अपनाया।

इस अलौकिक अवसर पर मुमुक्षु समक्ष जैन ने आचार्य भगवंत से दीक्षा लेकर शमेष मुनि, मुमुक्षु शिवांश जैन बने सुचित मुनि, तथा मुमुक्षु मानस जैन बने शशांत मुनि। वहीं मुमुक्षु वेरागण पूजा जैन ने साध्वी दीक्षा लेकर साध्वी जिनिशा जी म.सा. के रूप में संयम जीवन में प्रवेश किया।

यह आयोजन एक भव्य धार्मिक उत्सव के रूप में नौ दिनों तक चला, जिसमें प्रतिदिन चौवीसी, मेहंदी, केसर तिलक, भव्य वरघोड़ा, नवकारशी, गौतम प्रसादी, चौवीहार सहित महीला मंडल द्वारा ‘नेम-राजुल’ की जीवनी पर आधारित नाट्य प्रस्तुति, भक्ति संध्या आदि कार्यक्रमों की सुन्दर और सुव्यवस्थित श्रृंखला रही।

इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने में जयंतीभाई कुकड़ा, अशोकजी मेहता, हुकमीचंदजी कोठारी, प्यारचंदजी कोठारी, बंशीभाई सूर्या, छीतरमलजी रांका, शांतिलालजी कोठारी, विकासजी वीरसा, आकाशजी मादरेचा, सुनीलजी विसलोत, मंजीतजी कोठारी, कैलाशजी तातेड़, देवेंद्रजी बोकडिया सहित सूरत महानगर के लगभग 20 संघों के कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा।इस आयोजन की जानकारी संयोजक हिम्मत मेहता ने दी।

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