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मन को नियंत्रित करने वाला सदैव आनंदित रहता है-आचार्य सम्राट डॉ. शिवमुनि जी म.सा.

अवध संगरीला, बलेश्वर, सूरत।आत्मज्ञानी सद्गुरुदेव आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. ने उपस्थित धर्म सभा को संबोधित करते हुए श्रावकों को बारह व्रती श्रावक बनने की प्रेरणा प्रदान करते हुए फरमाया कि एक साधु को आहार, स्थानक, औषधि आदि श्रावक अपनी भावना के साथ देते हैं यह अनुमोदनीय है किंतु श्रावक भी अपने आत्म कल्याण के लिए बारहव्रती श्रावक बने तो वह पाप कर्मों से बच जाता है।
उन्होंने आगे फरमाया कि एक अवस्था के बाद जब कोई साधु या श्रावक वृद्ध हो जाता है तो वह मूढ़ हो जाता है। मूढ वह अवस्था है जब मनुष्य को कानों से सुनाई नहीं देता, आंखों की नजर कमजोर हो जाती है, चलने में भी कठिनाई होती है, पांचों इन्द्रियां शिथिल हो जाती है और घर में उसकी कोई सुनता नहीं है, कोई भी निर्णय लेने में वह असमर्थ होता है तो उस अवस्था में मूढ़ता आ जाती है, मूढ़ता इसलिए आती है कि उसने मनोगुप्ति की साधना नहीं की अर्थात् अपने मन को वश में नहीं किया।
उन्होंने आगे फरमाया कि मन धोखेबाज होता है, मन में इष्ट-दुष्ट, अर्थ-अनर्थ, राग-द्वेष, आर्त्त-रौद्र, संकल्प-विकल्प आते रहते हैं, जिसने अपने मन को साध लिया, मन को नियंत्रित कर लिया वह मूढ़ता में नहीं जाता सदैव आनन्द में रहता है कोई भी संकल्प-विकल्प उसके मन में नहीं आते।
उन्होंने यह भी फरमाया कि छोटे बच्चे के जन्म के समय जब उसका नामकरण होता है तो जन्म से लेकर अंतिम समय तक उसे अपना नाम याद रहता है उसी प्रकार मनुष्य अपनी आत्मा को भूले नहीं तो वह निश्चित मोक्ष को प्राप्त करता है।
प्रमुखमंत्री श्री शिरीष मुनि जी म.सा. ने अपने उदबोधन में फरमाया कि स्वभाव और विभाव दो अवस्था है स्वभाव जीव में रहना है। विभाव कर्ता भोक्ता, मन वचन इन्द्रियों के वशीभूत रहना है। कष्ट के समय मनुष्य निमित्त को दोष देते हैं किंतु जब कर्म आए है तो स्वभाव में रहकर उसे क्षय करने का पुरुषार्थ करना चाहिए।
युवा मनीषी श्री शुभम मुनि जी म.सा. ने ‘‘करुणा सागर भगवन भव पार लगा देना’’ सुमधुर भजन की प्रस्तुत किया।
गोड़ादरा सूरत से श्रीमती चन्दादेवी मारू ने आज 5 उपवास के दिन 9 उपवास का प्रत्याख्यान लिया, तपस्वी का शिवाचार्य आत्म ध्यान फाउण्डेशन की ओर से सम्मान किया।
विशेष – आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. के आगामी 18 सितम्बर 2025 को 84वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में श्री ऑल इण्डिया श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस राष्ट्रीय महिला शाखा नई दिल्ली द्वारा 84 हजार एकासन के संकल्प पत्र तैयार किये गये है। जिसके तहत देशभर के श्रावक-श्राविकाएं एकासन तप द्वारा जन्मोत्सव मनाएंगे। इसके अलावा श्री ऑल इण्डिया श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस आत्म ध्यान प्रसार योजना के तहत 16 सितम्बर 2025 को प्रातः 8 बजे से 11 बजे तक 3 घंटे ऑनलाईन आत्म ध्यान साधना शिविर का आयोजन होगा।

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