
केंद्र सरकार GST में बड़ी राहत की तैयारी में, 12% स्लैब हटेगा, रोजमर्रा की चीजें हो सकती हैं सस्ती
नई दिल्ली। केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) ढांचे में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है, जिससे आम जनता को सीधी राहत मिलने की संभावना है। वित्त मंत्रालय 12% GST स्लैब को खत्म करने और इसमें शामिल ज्यादातर आवश्यक वस्तुओं को 5% के निम्न स्लैब में लाने पर विचार कर रहा है। इससे जूते-चप्पल, कुछ कपड़े और डेयरी उत्पाद जैसे कई दैनिक उपभोग की चीजें सस्ती हो सकती हैं, जिससे सीधे तौर पर आम लोगों के बजट को राहत मिलेगी। इस विषय पर GST काउंसिल की इस महीने प्रस्तावित बैठक में अहम निर्णय होने की उम्मीद है।
GST स्लैब में बदलाव पर गंभीर मंथन
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, GST काउंसिल की आगामी बैठक में 12% स्लैब को हटाने के प्रस्ताव पर गंभीर चर्चा की जाएगी। वर्तमान GST ढांचे में कुल पाँच टैक्स स्लैब हैं— 0%, 5%, 12%, 18% और 28%। इन स्लैबों में 12% दर वाले स्लैब में कई आवश्यक वस्तुएं आती हैं जैसे जूते-चप्पल, कुछ कपड़े और डेयरी उत्पाद। सरकार का उद्देश्य इन वस्तुओं को 5% स्लैब में शामिल कर उपभोक्ताओं पर कर बोझ को कम करना है।
GST की सफलता और आर्थिक असर
1 जुलाई 2017 को लागू हुआ GST अब आठ साल पूरे कर चुका है। इस दौरान केंद्र सरकार की GST से होने वाली राजस्व वसूली दोगुनी हो गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले समय में सरकार को प्रतिमाह औसतन ₹2 लाख करोड़ से अधिक की आय होने की संभावना है। इसके बावजूद, सरकार टैक्स प्रणाली को और सरल और उपभोक्ता अनुकूल बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। 12% स्लैब को हटाने का प्रस्ताव इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कौन-कौन सी चीजें सस्ती हो सकती हैं?
यदि 12% स्लैब में शामिल अधिकांश वस्तुएं जैसे जूते-चप्पल, कुछ कपड़े और डेयरी उत्पाद 5% के स्लैब में लाई जाती हैं, तो इनकी कीमतों में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। इसका लाभ विशेष रूप से मध्यम और निम्न आय वर्ग को मिलेगा। उनकी खरीदने की शक्ति बढ़ेगी और खर्च पर राहत मिलेगी।
किन चीजों के महंगे होने की संभावना?
वहीं दूसरी ओर, GST काउंसिल लग्जरी और हानिकारक उत्पादों जैसे कार, तंबाकू, पान मसाला और कोल्ड ड्रिंक्स पर लगे अतिरिक्त सेस को सीधे 28% स्लैब में शामिल करने पर विचार कर रही है। वर्तमान में इन उत्पादों पर अतिरिक्त सेस लगता है, जिसे हटाकर सीधे उच्चतम टैक्स स्लैब में शामिल किया जा सकता है। इससे इन उत्पादों की कीमतों में इजाफा हो सकता है। सरकार का उद्देश्य इससे राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को स्वास्थ्य के लिहाज़ से बेहतर विकल्पों की ओर प्रेरित करना है।
GST काउंसिल की आगामी बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला
GST काउंसिल की अगली बैठक में 12% स्लैब को हटाने या उसमें शामिल वस्तुओं को 5% स्लैब में लाने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होने की संभावना है। इस बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर निर्णय लिया जा सकता है। यदि यह निर्णय लागू होता है तो GST प्रणाली और अधिक सरल तथा उपभोक्ता अनुकूल बन जाएगी। इससे रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, जिससे आम जनता को सीधी राहत मिलेगी।
GST के मौजूदा टैक्स स्लैब
- 0% : आवश्यक वस्तुएं (जैसे – अनाज, दूध)
- 5% : बुनियादी जरूरतें (जैसे – दवाइयां, खाद्य तेल)
- 12% : दैनिक उपभोग की वस्तुएं (जैसे – जूते-चप्पल, डेयरी प्रोडक्ट्स)
- 18% : उपभोक्ता उत्पादों का बड़ा वर्ग (जैसे – इलेक्ट्रॉनिक सामान, कॉस्मेटिक्स)
- 28% : लक्ज़री व हानिकारक उत्पाद (जैसे – कार, तंबाकू)
12% स्लैब को समाप्त करने की प्रस्तावित योजना से टैक्स सिस्टम और अधिक सरल बन सकता है, साथ ही उपभोक्ताओं को सीधे लाभ मिलेगा।