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भ्रम भटकाव लाता हैं -आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वरजी

आपकी सोच ही आपकी क्षमता का निर्धारण करती है-खरतरगच्छाधिपति

समाज में परिवर्तन और परिवार कुटुम्ब में अपनी भूमिका पर गोष्ठी का हुआ आयोजन

बाड़मेर 22 जुलाई। स्थानीय कोटड़िया-नाहटा ग्राउण्ड स्थित सुधर्मा प्रवचन वाटिका में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के तत्वाधान में संघ शास्ता वर्षावास 2025 का चातुर्मास खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. की पावन निश्रा व बहिन म.सा. साध्वी डाॅ. विधुत्प्रभाश्री व श्रमण-श्रमणीवृन्द के पावन सानिध्य में सोमवार को प्रवचन देते हुए आचार्यश्री ने कहा कि पडाव को सुन्दर बनाने का प्रयास हम कर रहे है। मगर मजिंल हमारी निर्धारित नही होती। ये मंजंल समय के साथ बदलती रहती है। इसी कारण हम भ्रम में रहते है। यही भ्रम हमारें लक्ष्य से हमें भटका देता है। घर अपना हो तो उसे सुन्दर बनाए रखतेें है। अगर घर किराए का हो तो हमारें विचार बदल जाते है। अपना थोडे ही है,इस को सुन्दर बनाएगे तो मालिक को फायदा होगा। बस यही जीवन में समझने की आवश्यकता है। परमात्मा भगवान महावीर कहते है कि लक्ष्य निर्धारित हो जाए तो व्यक्ति पुरी क्षमता के साथ उसे पाने के लिए जी जान से जुट जाता है। संसार में पुरा भ्रम जाल है। एक-एक मिनट में आपके विचार बदलने लगते थे। कभी लगता है कि ये करना चाहिए कभी लगता है वो करना। ये भ्रम भटकाव लाता है और भटकाव कई बार जीवन में बिखराव आता है। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द का वृतात सुनाते हुए कहा कि उनका लक्ष्य निर्धारित था तब देखों आज भी हम उन्हे, उनके विचारों अच्छे लगते है। जीवन में सिखने के लिए कभी कोई बडा छोटा नही होता,बस पहचानने के प्रयास करें एक पत्थर भी आपको सीख देता है मगर ये आपकी सोचने की क्षमता पर तय करता है।

खरतरगच्छ संघ चातुर्मास कमेटी के सचिव बाबुलाल बोथरा हेमरत्न व ट्रस्टी पुखराज भंसाली ने बताया कि चातुर्मास कमेटी के तत्वावधान में मंगलवार को प्रातः 07.30 बजे दादा श्री जिनदतसूरी तप के तपस्वियों के उपवास का शाही पारणा शालीभद्र भोजन वाटिका में सम्पन्न हुआ। चातुर्मास कमेटी की ओर से तपस्वियों को तपस्या की सुखशाता पुछी गई। सिद्धि तप के तपस्वियों की मंगलवार को तीसरी सीढी का दूसरा उपवास रहा।

चातुर्मास कमेटी के ट्रस्टी मुकेश धारीवाल व मीडिया संयोजक कपिल मालू ने बताया कि गुरूदेव की निश्रा में मंगलवार को दोपहर 03.00 बजे से 04.00 बजे तक समाज परिवर्तन व परिवार कुटुम्ब में हमारी भूमिका विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसको राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के क्षेत्र सम्पर्क श्याम मनोहरजी ने सम्बोधित किया।

तेले की तपस्या भावनादेवी खेतमल मालू की रही और लड़ी आयंबिल की तपस्या शशि बहन गोलेच्छा की रही। चातुर्मासिक प्रवचन माला में मंगलवार को छत्तीसगढ से विजयकुमार नाहटा, भोमराज टाटिया, प्रभादेवी टाटिया सहित कई गुरूभक्त बाहरी राज्यों से गुरूदेव के दर्शन करने बाड़मेर पहुंचे, जिनका चातुर्मास कमेटी की ओर से लाभार्थी परिवारों द्वारा अभिनन्दन किया गया। प्रवचन के समापन पर गुरूभक्त सम्पतराज धारीवाल सनावड़ा ने गीतिका प्रस्तुत की व प्रभा टाटिया ने कुछ पंक्तिया गुरूदेव के चरणों में रखी। अंत में गुरूदेव को सामुहिक गुरूवन्दन हुआ और गुरूदेव के मुखारबिन्द से मंगल पाठ हुआ।

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