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श्री कतारगाम जैन संघ में पूज्य सत्य सुंदर विजयजी महाराज साहेब का भव्य चातुर्मास प्रवेश

“अंतर्मन के अंधकार को दूर कर निर्मल उजास फैलाने वाला पर्व है चातुर्मास”

 

सूरत। श्री कतारगाम जैन संघ में आज पूज्य आचार्य रत्नसुंदर सुरि महाराज साहेब के शिष्य पूज्य रत्न श्री सत्य सुंदर विजयजी महाराज साहेब तथा साध्वी भगवंतों के सान्निध्य में भव्य चातुर्मास प्रवेश संपन्न हुआ। यह चातुर्मास धर्म, साधना और आत्मशुद्धि का प्रेरक पर्व माना जाता है।

प्रातः 8:00 बजे संघ के मंत्री श्री भूपेंद्रभाई शाह के निवास से सामैया का शुभारंभ हुआ। यह शोभायात्रा कतारगाम के विभिन्न मार्गों से होती हुई निति तक पहुंची, जहाँ से आराधना भवन उपाश्रय की ओर आगे बढ़ी। सुबह 9:15 बजे पूज्य गुरुदेव का उपाश्रय में मंगल प्रवेश हुआ।

प्रवेश के अवसर पर संघजनों द्वारा रंगोली, गौली और रंग-बिरंगे बैनरों के माध्यम से भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान पूज्य श्री ने अपने प्रवचन में कहा – “जीवन में अलर्ट (सजग) तो रहें ही, लेकिन साथ ही एक्टिव (सक्रिय) भी बनें। धर्म के लिए तैयार रहने से नहीं, बल्कि धर्म को जीवन में उतारने से ही फल मिलता है।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे अग्निशमन के सारे उपकरण मौजूद हों, लेकिन यदि आग लगने पर कोई क्रिया न की जाए, तो आग नहीं बुझती। वैसे ही केवल धार्मिक सजगता नहीं, धर्म का आचरण आवश्यक है।

इस मंगल अवसर पर संघ में आभिल घोषणा भी की गई। संघ के समस्त सदस्यगण, श्रावक-श्राविकाएं एवं गणमान्यजन इस पावन प्रसंग पर उपस्थित रहे और चातुर्मास की शुभ शुरुआत का साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया।

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