धोखाधड़ी के मामले में 20 लाख के नकद लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को देने का कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने आरोपी को शर्तों के साथ जमानत दी, बचाव पक्ष ने कहा- सिविल विवाद को गलत तरीके से फौजदारी रंग दिया गया

सूरत। एक धोखाधड़ी मामले में सूरत की कोर्ट ने आरोपी को शर्तों के साथ जमानत मंजूर करते हुए एक महत्वपूर्ण आदेश में पुलिस को यह निर्देश भी दिया कि वह शिकायतकर्ता को नकद 20 लाख रुपये कहां से प्राप्त हुए, इसकी जानकारी आयकर विभाग को दे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुग़लिसरा सौदागरवाड़ निवासी आरोपी नासिर नजरुल इस्लाम शेख और मेमन मोहम्मद फैजान के विरुद्ध एक माह पूर्व क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता नितिन डाह्या पटेल का आरोप था कि आरोपियों ने उनके साथ 20 लाख रुपये में एक दुकान का सौदा किया, रुपये लेने के बाद भी उन्होंने वह दुकान किसी अन्य को बेच दी।
पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से आरोपी नासिर की ओर से एडवोकेट जमीर जेड. शेख ने अदालत में जमानत याचिका दायर की।
सुनवाई के दौरान एडवोकेट जमीर शेख ने अपनी दलीलों में कहा कि यह मामला दरअसल सिविल विवाद से संबंधित है, जिसे गलत तरीके से फौजदारी मामला बनाया गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए यह मुद्दा भी उठाया कि शिकायतकर्ता को 20 लाख रुपये नकद कैसे प्राप्त हुए।
इस पर कोर्ट ने आरोपी को शर्तों के आधार पर जमानत देने के साथ-साथ पुलिस को निर्देश दिया कि वह इस नकद लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को उपलब्ध कराए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि शिकायतकर्ता को इतनी बड़ी नकद राशि कहां से प्राप्त हुई।