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उधना में साध्वी श्री राकेशकुमारी जी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी का आध्यात्मिक मिलन

तेरापंथ धर्मसंघ में विनय-वात्सल्य और आत्मिक ऊर्जा का पावन संगम

सूरत, उधना। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्याएं, प्रो. डॉ. साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी एवं साध्वी श्री राकेशकुमारी जी आदि साध्वी वृंदों का पावन आध्यात्मिक मिलन तेरापंथ भवन, उधना में सानंद संपन्न हुआ। इस अवसर पर आयोजित विशेष धर्मसभा में साध्वीवृंदों के ओजस्वी प्रवचनों व भावनात्मक मिलन ने श्रद्धालु समाज को आत्मिक भावों से भावविभोर कर दिया।

सभा को संबोधित करते हुए साध्वी श्री राकेशकुमारी जी ने कहा कि “आज दो अंतर्भावों का आध्यात्मिक मिलन हो रहा है। यह तेरापंथ धर्मसंघ की तप, त्याग और वात्सल्य से समृद्ध परंपरा का प्रतिफल है। मुझे आचार्य तुलसी युग में दीक्षा प्राप्त करने, शासनमाता की छत्रछाया और साध्वी रतनकुमारी जी का सान्निध्य मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।” उन्होंने कहा कि साध्वी मंगलप्रज्ञा जी एक विदुषी, प्रबुद्ध एवं मेधावी साध्वी हैं, जिन्होंने समण श्रेणी, नियोजिका, वाइस चांसलर जैसे पदों पर रहते हुए अनेक आत्माओं के विकास में योगदान दिया है। उनकी संघसेवा अत्यंत अनुकरणीय रही है। उन्होंने सिटीलाइट (सूरत) में साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के चातुर्मास हेतु मंगलकामनाएं व्यक्त कीं।

प्रो. डॉ. साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “सुखी वह नहीं जो सोने की चैन पहनता है, बल्कि वह है जो चैन की नींद सोता है।” उन्होंने साध्वी राकेशकुमारी जी के संग आध्यात्मिक मिलन को आत्मिक ऊर्जा का प्रेरणास्रोत बताया और कहा, “तेरापंथ धर्मसंघ की अनुशासित परंपरा में गुरु आज्ञा हमें जीवन में निश्चिंतता व संतुलन प्रदान करती है। आपकी आत्मीय आभा हमें आंतरिक तृप्ति प्रदान करती है।” साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने बारडोली में होने जा रहे साध्वी राकेशकुमारी जी के चातुर्मास हेतु मंगलभावनाएं प्रेषित कीं।

इस अवसर पर साध्वी वृंदों की सहवर्तिनी साध्वियों द्वारा प्रस्तुत सामूहिक संगान ने वातावरण को भावपूर्ण बना दिया। साध्वी श्री विपुल यशा जी ने साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के संघकार्य का गुणानुवाद करते हुए समण श्रेणी में उनके अनुभव साझा किए। साध्वी डॉ. राजुलप्रभा जी ने साध्वी राकेशकुमारी जी के चुम्बकीय व्यक्तित्व की सराहना करते हुए उनके कृपाभाव के स्थायित्व की कामना की।

उड़ीसा से समागत साध्वी श्री विपुल यशा जी की संसारपक्षीय अनुजा (बहन) ने इस अवसर पर विशेष स्वागत संगान प्रस्तुत किया।

इस पावन प्रसंग पर तेरापंथ सभा उधना के अध्यक्ष निर्मल कुमार चपलोत, तेयुप अध्यक्ष कमलेश बाफना, अणुव्रत विश्व भारती के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं मीडिया प्रभारी अर्जुन मेड़तवाल, महिला मंडल अध्यक्षा सोनू बाफना सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे। उधना, बारडोली से आई श्राविकाओं ने भी स्वागत संगानों द्वारा श्रद्धा प्रकट की।

कार्यक्रम का सशक्त संचालन तेरापंथ सभा उधना के कर्मठ मंत्री मुकेश बाबेल ने काव्यशैली में किया। यह आध्यात्मिक संगम तेरापंथ धर्मसंघ की गरिमा, सामूहिक चेतना और सुदृढ़ परंपरा का उजास बनकर श्रद्धालु परिषद् के लिए प्रेरणास्पद बन गया।

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