
सूरत।GST (वस्तु एवं सेवा कर) प्रणाली में समय-समय पर नियमों व प्रक्रियाओं में बदलाव होते रहते हैं। ऐसे में प्रत्येक व्यापारी व एकाउंटेंट को GST रिटर्न भरते समय कुछ महत्वपूर्ण व सामान्य बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे न केवल कानूनी परेशानी से बचा जा सके, बल्कि इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) व रिटर्न की प्रक्रिया भी सुचारु बनी रहे। नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए जा रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर GST से संबंधित कार्य संपन्न करें—
1. RCM (रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म) की जिम्मेदारी:
यदि आपने व्यापारिक प्रयोजन से कोई प्रॉपर्टी किराए पर ली है और मालिक GST रजिस्टर्ड नहीं है, तो रिवर्स चार्ज के तहत उसका भुगतान कर RCM चालान तैयार करना अनिवार्य है।
2. गलत इनवॉइस की रिपोर्टिंग:
हर माह 14 तारीख को GSTR-2B जनरेट होता है। यदि इसमें कोई ऐसा इनवॉइस, डेबिट या क्रेडिट नोट शामिल हो जो आपका नहीं है, तो GSTR-3B फाइल करते समय उस एंट्री को अलग से रिपोर्ट करें, जिससे उसे रिजेक्ट किया जा सके।
3. एड्रेस या डायरेक्टर/पार्टनर में बदलाव:
यदि दुकान, गोदाम, फैक्ट्री या फर्म के पार्टनर/कंपनी डायरेक्टर में कोई बदलाव हुआ हो तो संबंधित दस्तावेज जैसे किराया अनुबंध, बिजली बिल, पार्टनरशिप डीड आदि के साथ, किराया शुरू होने की तिथि से 15 दिनों के भीतर जानकारी देना आवश्यक है ताकि समय पर GST पोर्टल पर अपडेट किया जा सके और पेनल्टी से बचा जा सके।
4. डेबिट व क्रेडिट नोट की पारस्परिक पुष्टि:
जब भी आप किसी पार्टी को डेबिट/क्रेडिट नोट जारी करते हैं, यह सुनिश्चित करें कि सामने वाली पार्टी भी उसकी पुष्टि में नोट जारी करे, अन्यथा एकतरफा नोट से GST इनपुट/आउटपुट में गड़बड़ी हो सकती है।
5. डेबिट/क्रेडिट नोट की सही दिनांक:
कई बार माल वापसी की स्थिति में सामने वाली पार्टी जिस तारीख का डेबिट नोट भेजती है, उसी दिनांक का क्रेडिट नोट बना दिया जाता है, जो गलत है। सभी नोट्स व बिल वर्तमान दिनांक (करंट डेट) में बनाएं, बुक्स में क्रमवार व तार्किक एंट्री ही मान्य होती है।
6. इन एलिजिबल ITC (अप्राप्य ITC) की जानकारी:
GST कानून के अनुसार, निम्नलिखित वस्तुओं/सेवाओं पर ITC क्लेम नहीं किया जा सकता—
- मोटर वाहन (खरीद, बीमा, सेवा, मरम्मत)
- भोजन, पेय, आउटडोर कैटरिंग
- हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस, क्लब सदस्यता
- अचल संपत्ति का निर्माण
- वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट सेवाएं
- व्यक्तिगत उपभोग की वस्तुएं
- खोई, चोरी हुई, नष्ट हुई, गिफ्ट की गई या सैंपल दी गई वस्तुएं
इन वस्तुओं/सेवाओं की खरीद के समय अपना GST नंबर न दें। यदि पहले दे चुके हैं, तो भविष्य में हटाने हेतु विक्रेता को सूचित करें।
7. सामान्य व समयबद्ध सावधानियां:
- समय पर ई-इनवॉइस तैयार करें।
- RCM हेतु स्वयं का सेल्फ-इनवॉइस बनाएं।
- प्रतिष्ठान पर GST नंबर वाला साइनबोर्ड जरूर लगाएं।
- 180 दिनों के भीतर विक्रेता को भुगतान करें।
- दुकान में प्रमुख स्थान पर GST रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्रदर्शित करें।
- परिवहन व्यय (GTA) पर RCM का भुगतान सुनिश्चित करें।
- यदि पिछले किसी वित्तीय वर्ष में टर्नओवर ₹5 करोड़ से अधिक रहा हो तो 6 अंकों वाला HSN कोड दर्ज करें।