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पूज्य पन्यास श्री चंद्रशेखरविजयजी महाराज साहेब को श्रद्धांजलि स्वरूप लगभग 3000 आयंबिल तप का आयोजन

सूरत। युगप्रधान पूज्य पन्यास श्री चंद्रशेखरविजयजी महाराज साहेब की 14वीं पुण्यतिथि के अवसर पर युगप्रधान जैन ट्रस्ट द्वारा संस्कृति भवन, सूरत में भव्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संपूर्ण सूरत के जैन संघों में व्यापक रूप से आयंबिल तप की आराधना उत्साह और उमंग के साथ संपन्न हुई, जिसमें लगभग 3000 से अधिक आयंबिल तप किए गए।इस पावन अवसर पर पूज्य आचार्य भक्तियोगाचार्य श्री यशोविजयसूरीश्वरजी महाराज की निश्रा में आयोजित गुणानुवाद सभा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस दौरान पूज्य गुरुदेव श्री चंद्रशेखरविजयजी महाराज साहेब के दिव्य गुणों, शासनभक्ति, तपश्चर्या, और उनके प्रभावशाली प्रसंगों को सुनकर भक्तों की आँखें नम हुईं और हृदय में पूज्य गुरुदेव की स्मृतियाँ पुनः जागृत हो उठीं।

कार्यक्रम में पूज्य आचार्य श्री मुनिचंद्रसूरीश्वरजी महाराज, पूज्य आचार्य श्री मलयकीर्तिसूरीश्वरजी महाराज, पन्यास श्री श्रुतरत्नविजयजी महाराज, तथा श्री देवश्रमणविजयजी महाराज ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए पूज्य गुरुदेव के कार्यों की सराहना की और उनके पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया।प्रफुलभाई राठौड़ एवं जिनय चावला ने संगीत और भावपूर्ण श्रद्धांजलि के माध्यम से सभा में गुरुभक्ति और कृतज्ञता की भावना व्यक्त की।

सूरत के लगभग सभी संघों में गुणानुवाद के माध्यम से व्याख्यान हुए, जिनमें पूज्य श्री जिनप्रेमविजयजी महाराज साहेब ने गज्जरवाड़ी अठवागेट स्थान पर पूज्य गुरुदेव के सात पवित्र ग्रंथों पर आधारित “ड्रीम ऑफ गुरुमां” नामक प्रस्तुति दी और गुरुदेव के अधूरे कार्यों को पूर्ण करने हेतु संघजनों को प्रेरित किया।इस पुण्य आयोजन के अंतर्गत भारतभर के हजारों श्रद्धालुओं द्वारा 15 करोड़ नवकार मंत्र एवं 45 लाख लोग्गस पूज्य आचार्य श्री जिनसुंदरसूरीश्वरजी महाराज साहेब की निश्रा में जप किए गए।इसके अतिरिक्त साधर्मिक भक्ति, अनुकंपा, जीवदया तथा बालसंस्कार के क्षेत्र में भी युगप्रधान जैन ट्रस्ट द्वारा विविध सेवापरक कार्यों का आयोजन हुआ, जो गुरुदेव के जीवन दर्शन एवं सेवा भाव को समर्पित रहा।

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