गुजरातसामाजिक/ धार्मिकसूरत सिटी

पानी का मोल उसे पता है जिसने सर पर मटके के साथ सफर किया है -आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वर

धर्म निवृति है और संसार प्रवृति है-खरतरगच्छाधिति

सिद्धिके तपस्वियों का हुआ शाही पारणा, छठी सीढ़ी हुई शुरू

बाड़मेर। कोटड़िया-नाहटा ग्राउण्ड स्थित सुधर्मा प्रवचन वाटिका में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के तत्वाधान में संघ शास्ता वर्षावास 2025 का चातुर्मास खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा.की पावन निश्रा व बहिन म.सा. साध्वी डाॅ. विधुत्प्रभाश्री व श्रमण-श्रमणीवृन्द के पावन सानिध्य में सोमवार को आचार्यश्री ने श्रावकों सम्बोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति अपनी सुविधानुसार सब चाहता है मगर उसके लिए वो स्वयं को भी नही बदलना चाहता है। एक विषय है कि मनुष्य जीवन को आप दुर्लभ मानते है कि तुलसीदासजी ने भी लिखा बडे भाग मानुस तन पावा। चलो मनुष्य भव तो बड़ा गम्भीर मुद्दा है। आसान से मुद्दे पर सुलभ और दुर्लभ की बात करते है। पानी को लिजिए सुलभ है वो उसका मूल्य नही जानते है, दुर्लभ है वहां देखों पानी को ताले में बन्द रखते है। पानी के दुलर्भ होने के बात हमारें बाड़मेर बेहतर कौन जानता है। पानी हमारे लिए दुर्लभ था मगर नहर का पानी आया फिर देखों पानी का हम कैसे उपयोग करते है। यहां बैठी महिलाएं जिन्होंने दोनो समय देखे है उनको पता है कि सर पर पानी की मटकी को दो किलोमीटर से कैसे भरके लाते थे। अब वही जब पानी सुलभ हो गया तो उसकी किम्मत उनकी नजर में कितनी रह गई। ये आज के लिए बडा चिन्तन करने का विषय है। सुलभ का मोल नही होता वही जब नही मिलता तब पता चलता है कि वो कितना दुर्लभ है।

आचार्यश्री ने कहा कि धर्म निवृति है एवं संसार प्रवृति है। धर्म में छोड़ना पडता है एवं संसार में करना पड़ता है। अब आपको तय करना है कि आपको क्या करना है। दुर्लभ मनुष्य भव मिला है तो उसे कैसे सार्थक करें की हमारी आगामी जन्म केवल सुधरे ही नही बेहतरीन से बेहतरीन हो। सद्कर्म से ही ये सम्भव है।

चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष अशोक धारीवाल व मीडिया संयोजक कपिल मालू ने बताया कि सोमवार को तेले की तपस्या चन्द्रादेवी प्रकाशचन्द सेठिया की रही और आयंबिल की तपस्या मनीषा राजू सेठिया की रही। चातुर्मासिक प्रवचन माला में गुरूभक्त सहित कई गुरूभक्त बाहरी राज्यों से गुरूदेव के दर्शन करने बाड़मेर पहुंचे, जिनका कमेटी की ओर से स्वागत किया गया। संगीतकार गौरव मालू द्वारा भजनों से प्रवचन वाटिका झूम उठी। कंचनदेवी संजयकुमार बाबुलाल गोलेच्छा मासक्षमण की तपस्या की ओर अग्रसर है, जिनके सोमवार को 27वां उपवास रहा। खरतरगच्छ संघ द्वारा तपस्वियों की सुखसाता पुछी गई। सिद्धि तप के तपस्वियों का शाही पारणा केयुप भवन में सम्पन्न हुआ एवं आज से छठी लड़ी में 06 उपवास की तपस्या शुरू।

जैन अनाथ आश्रम जोधपुर-सूरत-बैंगलोर वात्साल्यपुरम से शिखा जैन द्वारा चला रहे आश्रम में सहयोग राशि भेंट की गई, जिसमें बड़ी राशि का सहयोग किया गया, जिसमें इकतीस हजार की राशि कुष्टमल लूणकरण भंसाली, ग्यारह हजार की राशि शंकरलाल केशरीमल धारीवाल, ग्यारह हजार की राशि बाबुलाल भंवरलाल बोथरा, ग्यारह हजार की राशि संघवी मांगीलाल आसुलाल मालू चोहटन-सूरत, ग्यारह हजार की राशि गजीदेवी नेतमल भंसाली द्वारा भेंट की गई। इस अनाथ आश्रम में विशेष रूप से बच्चों को जैन धार्मिक पढाई, मन्दिरों में पूजा सहित कई धार्मिक शिक्षा इस संस्था द्वारा दी जाती है।

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