कलश स्थापना में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, मुनि श्री अजित सागर जी महाराज का 27वां चातुर्मास प्रारंभ

सूरत। सिटीलाइट स्थित तेरापंथ भवन के मैत्री हॉल में रविवार को दिगंबर जैन संत मुनि श्री अजित सागर जी महाराज का 27वां चातुर्मास वर्षायोग कलश स्थापना के साथ विधिवत प्रारंभ हुआ। समारोह में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। ध्वजारोहण का लाभ महेंद्र कुमार कैलाशचंद पाटनी परिवार ने लिया, जबकि मुख्य कलश स्थापना का लाभ श्रीमती बसंती देवी, जवाहरलाल, चक्रेश कुमार एवं डॉ. साहिल (जबलपुर) परिवार को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में अहमदाबाद, भोपाल सहित मध्यप्रदेश के विभिन्न नगरों से लगभग 200 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
मुनि श्री ने प्रवचन में कहा कि पुण्य का सदुपयोग करके जीवन को आध्यात्मिक उद्यान बनाया जा सकता है। त्याग और दान के माध्यम से अर्जित द्रव्य का उपयोग कलश स्थापना जैसे धार्मिक कार्यों में होना चाहिए ताकि उसका वास्तविक पुण्य लाभ प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि पुण्य का निरुपयोग नहीं होकर साधना में रूपांतर हो और बाधा की स्थिति में भी आराधना कर अतिशय का पुण्यर्जन हो सके।
भक्ति संगीत की प्रस्तुतियों ने सभा में आध्यात्मिक उत्साह का संचार किया। “मेरी लगी गुरु संग प्रीत, दुनिया क्या जाने…” जैसे गीतों पर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और पूरा हॉल जयकारों से गूंज उठा। मुनि श्री ने अपने संदेश में कहा कि सूरत एक आध्यात्मिक नगरी है, जहां चातुर्मास के चार माहों में अधिकाधिक लोग तप, जप, ध्यान और धर्म आराधना करें तथा जिनवाणी का श्रवण कर पुण्य का संचय करें।
आराधना कलश का लाभ बालचंद रमेश कुमार पहाड़िया परिवार, बालचंद कमल कुमार छाबड़ा (के.के. इंटरनेशनल), श्रीमती ज्ञानमती देवी धर्मचंद बड़जात्या (श्री बड़े बाबा इंटरनेशनल), एवं सतेंद्र कुमार-गौरव कुमार जैन (जय जिनेंद्र मिल) को प्राप्त हुआ। समारोह श्रद्धा, सेवा और साधना से ओतप्रोत रहा।