
सूरत।भारतीय जनता पार्टी सूरत महानगर द्वारा 25 जून 1975 को घोषित आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को आपातकाल की सच्चाई से अवगत कराना था।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और वंदे मातरम् गान से हुई।
शहर अध्यक्ष श्री परेश पटेल ने अपने उद्बोधन में आपातकाल के काले दौर की याद दिलाते हुए बताया कि कैसे तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को कुचला था। इसके बाद मीसा कानून के तहत जेल गए शहर के वरिष्ठजनों का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद डॉ. नरेश बंसल ने कहा कि 25 जून 1975 को बिना कैबिनेट मंजूरी के इमरजेंसी लागू कर दी गई, लाखों लोगों को जेल में डाला गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए, मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी गई और संविधान में मनमाने संशोधन कर लोकतंत्र को दबोच लिया गया। उन्होंने कहा कि आरएसएस और लोकतंत्रप्रेमी जनता के संघर्ष के चलते आपातकाल हटाना पड़ा और कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
डॉ. बंसल ने तुर्कमान गेट की घटनाओं, जबरन नसबंदी, जेलों में दी गई अमानवीय यातनाओं और न्यायपालिका की स्थिति पर भी प्रकाश डाला।
मंच पर प्रमुख रूप से उपस्थित थे:
भाजपा शहर प्रभारी श्रीमती शीतलबेन सोनी, सांसद श्री मुकेशभाई, महापौर श्री दक्षेशभाई, महामंत्री श्री किशोर बिंदल, श्री कालुभाई, विधायक श्री प्रवीणभाई, श्रीमती संगीता बेन, श्री कांतिभाई, श्री अरविंदभाई, डिप्टी मेयर श्री नरेंद्रभाई, सत्तारूढ़ पक्ष नेता श्रीमती शशिबेन त्रिपाठी, मीडिया कन्वीनर श्री राजेशभाई, सह कन्वीनर श्रीमती दीपिकाबेन, मीसाबंदी महानुभावगण व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता।
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