सूरत शहर-जिले में चल रही गुजरात से बाहर की बसों पर कार्रवाई की मांग
कांग्रेस नेता दर्शन नायक ने मुख्यमंत्री व परिवहन विभाग को दिया ज्ञापन

नगुजरात सरकार को टैक्स के रूप में हो रहा बड़ा नुकसान, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट का भी हो रहा उल्लंघन
सूरत। सूरत शहर व जिले में चल रही गुजरात से बाहर पंजीकृत यात्री स्लीपर बसों की जांच कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग कांग्रेस के सहकारी नेता दर्शन नायक ने की है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, परिवहन मंत्री हर्ष संघवी, परिवहन सचिव व सूरत आरटीओ को लिखित में निवेदन किया है।
दर्शन नायक ने बताया कि सरकार द्वारा राज्य में स्लीपर यात्री बसों के संचालन को लेकर स्पष्ट नीतियां व नियम बनाए गए हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुछ राज्यों में ट्रांसपोर्ट टैक्स में भी छूट दी जाती है।
लेकिन वर्तमान में सूरत शहर व जिले में बड़ी संख्या में अरुणाचल प्रदेश व नागालैंड राज्य की पंजीकृत स्लीपर बसें धड़ल्ले से चल रही हैं, जिससे गुजरात सरकार को करोड़ों रुपये के टैक्स का नुकसान हो रहा है। उदाहरण के रूप में गुजरात में 36+1 क्षमता वाली बस पर मासिक टैक्स वसूला जाता है, जबकि अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में वन-टाइम टैक्स व्यवस्था है।
ऐसे में कई बस मालिक अपने वाहनों का पंजीकरण उन राज्यों में करवाकर गुजरात में संचालित कर रहे हैं, जिससे राज्य सरकार की टैक्स आय पर सीधा असर हो रहा है।
इसके अतिरिक्त, अरुणाचल व नागालैंड की जिन बसों के पास नेशनल परमिट है, वे केवल अनुबंध के आधार पर एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रियों को ले जा सकती हैं। ऐसे परमिट की शर्त होती है कि सभी यात्री एक ग्रुप का हिस्सा हों और एक-दूसरे को पहचानते हों। लेकिन इन शर्तों का खुला उल्लंघन हो रहा है।
इसी के मद्देनजर दर्शन नायक ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, सचिव व आरटीओ को तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है।