सुरत के वेसु में राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी के करकमलों से प्राकृतिक कृषि बाजार का शुभारंभ

सुरत:प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को सीधी बाजार व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सुरत जिला प्रशासन और सुरत महानगरपालिका के संयुक्त प्रयास से वेसु क्षेत्र में ‘प्राकृतिक कृषि बाजार’ की शुरुआत की गई। इस बाजार का उद्घाटन गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रतजी के करकमलों से किया गया।
यह बाजार वेसु स्थित एस.डी. जैन स्कूल के पास शुरू किया गया है, जहाँ सुरत जिले के 70 से अधिक प्राकृतिक खेती करने वाले किसान अपने उत्पाद लेकर पहुंचे। किसान यहां हर बुधवार और रविवार को सुबह 8 से 11 बजे तक रासायन मुक्त, स्वास्थ्यवर्धक और उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियाँ, फल, दालें व अनाज विक्रय करेंगे।
राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी ने इस अवसर पर कहा कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए मिशन मोड में काम किया जा रहा है। उन्होंने किसानों को विक्रय की सीधी व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सुरत महानगरपालिका और जिला पंचायत की सराहना की।
उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अधिक उपयोग से हमारी खाद्य वस्तुओं में ज़हर घुल गया है, जिससे कैंसर, डायबिटीज़ और बच्चों में हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियाँ बढ़ रही हैं। ऐसे में प्राकृतिक खेती ही एकमात्र उपाय है जो स्वास्थ्य, मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण की रक्षा कर सकती है।
राज्यपाल ने सुरतवासियों से अनुरोध किया कि वे बुधवार और रविवार को बड़ी संख्या में प्राकृतिक कृषि बाजार में आएं और सीधे किसानों से उत्पाद खरीदें। उन्होंने कहा, “अगर लोग अस्पतालों पर खर्च होने वाले पैसों का उपयोग प्राकृतिक खाद्य उत्पादों की खरीद में करेंगे, तो वे बीमार ही नहीं पड़ेंगे और शरीर स्वस्थ रहेगा।”
राज्यपाल ने यह भी बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन की शुरुआत की है, जिसके तहत केंद्रीय बजट में ₹1,481 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जिससे पूरे देश में यह अभियान मिशन मोड में चलाया जाएगा।
यह पहल किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ शहरी लोगों को भी उच्च गुणवत्ता वाले प्राकृतिक उत्पाद उचित मूल्य पर उपलब्ध कराएगी। इस अवसर पर सुरत के महापौर श्री दक्षेशभाई मावाणी, जिला पंचायत प्रमुख श्रीमती भाविनिबेन पटेल, जिला कलेक्टर डॉ. सौरभ पारधी, म्युनिसिपल कमिश्नर श्रीमती शालिनी अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर श्री अनुपमसिंह गेहलोत सहित कई पदाधिकारी व अधिकारी उपस्थित रहे।