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अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ोतरी की घोषणा के बाद भारत में प्रतिक्रिया तेज, जेम्स-ज्वेलरी और टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए सब्सिडी की मांग

 

सूरत।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 2 अप्रैल 2025 को भारत सहित कई देशों पर ‘डिस्काउंटेड रिसीप्रोकल टैरिफ’ लागू करने की घोषणा के बाद भारतीय उद्योग जगत में चिंता बढ़ गई है। अमेरिकी निर्णय के जवाब में दी साउदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

FTA की मांग, सब्सिडी पर जोर
चैंबर ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल को ज्ञापन सौंपते हुए अमेरिका के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर विचार करने की अपील की है। साथ ही जेम्स एंड ज्वेलरी तथा टेक्सटाइल सेक्टर को टैरिफ में राहत देने के लिए सब्सिडी देने की मांग की गई है, जिससे इन उद्योगों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को रोका जा सके।

जेम्स-ज्वेलरी और टेक्सटाइल पर असर
चैंबर के अध्यक्ष श्री विजय मेवावाला ने बताया कि भारत से अमेरिका को होने वाला जेम्स एंड ज्वेलरी का 35% निर्यात दक्षिण गुजरात से होता है, जो इस क्षेत्र का लगभग 90% उत्पादन करता है और 2 लाख लोगों को रोजगार देता है। वहीं, टेक्सटाइल क्षेत्र में भी भारत का 28% निर्यात अमेरिका को होता है, जिसमें से अधिकांश उत्पादन दक्षिण गुजरात के MMF टेक्सटाइल हब से होता है। नए टैरिफ नियम इन दोनों उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।

व्यापार घाटा और संभावनाएं
साल 2024 में भारत और अमेरिका के बीच कुल 129.2 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें अमेरिका को 41.8 अरब डॉलर का घाटा हुआ। अमेरिका इस घाटे को संतुलित करने के लिए रिसीप्रोकल टैरिफ लागू कर रहा है। यह नियम तब तक प्रभावी रहेगा जब तक अमेरिका और भारत के बीच कोई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नहीं होता।

सेक्टर-विशिष्ट समझौते की वकालत
चैंबर ने सुझाव दिया है कि भारत की ओर से जेम्स एंड ज्वेलरी, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, आईटी, फार्मा, केमिकल और सोलर मॉड्यूल जैसे क्षेत्रों को शामिल करते हुए, अमेरिका की ओर से हाई टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, ऑटोमोबाइल और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में सेक्टर आधारित FTA किया जा सकता है।

भारतीय हितों की सुरक्षा जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका जहां कृषि और डेयरी उत्पादों पर टैरिफ में कटौती करना चाहता है, वहीं सेक्टर आधारित FTA से उसे फार्मास्युटिकल, टेक्नोलॉजी, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में छूट मिल सकती है भारत सरकार को इन समझौतों में भारतीय हितों की रक्षा सुनिश्चित करनी होगी।

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