
गांधीनगर। गुजरात सरकार ने संपत्ति दस्तावेजों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए नया नियम लागू किया है। अब से खुले प्लॉट की खरीद-बिक्री या ट्रांसफर से जुड़े दस्तावेजों में संपत्ति का अक्षांश और रेखांश दर्ज करना अनिवार्य होगा। यदि यह जानकारी दस्तावेजों में दर्ज नहीं होगी, तो उसकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सरकार ने पाया कि रजिस्ट्रेशन के समय संपत्ति के फोटो दस्तावेजों के साथ जमा किए जाते हैं, लेकिन कई मामलों में बिल्डिंग बनी होने के बावजूद खुले प्लॉट के फोटो लगा दिए जाते हैं, जिससे संपत्ति की सही कीमत छिपाई जाती है। इस प्रक्रिया के चलते सरकार को स्टांप ड्यूटी के रूप में बड़े पैमाने पर नुकसान झेलना पड़ता था। साथ ही, संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ती जा रही थीं।
सरकार ने इस समस्या को रोकने के लिए एक नया परिपत्र जारी किया है। अब जब भी खुले प्लॉट की बिक्री या ट्रांसफर से जुड़ा कोई दस्तावेज रजिस्ट्रेशन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, तो उसमें शामिल फोटोग्राफ्स या फोटोग्राफ वाले पन्नों पर संपत्ति के अक्षांश और रेखांश दर्ज करना अनिवार्य होगा। यदि दस्तावेज में यह विवरण नहीं होगा, तो उसकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी।
पहले, सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन के लिए प्रस्तुत दस्तावेजों में संपत्ति के सामने और पीछे के 5″ x 7” आकार के रंगीन फोटो लगाना अनिवार्य था। फोटो के नीचे संपत्ति का डाक पता लिखा जाता था और खरीदार तथा विक्रेता दोनों को उस पर हस्ताक्षर करने होते थे। लेकिन अब इस प्रक्रिया को और अधिक सख्त कर दिया गया है, ताकि स्टांप ड्यूटी चोरी और संपत्ति धोखाधड़ी को पूरी तरह से रोका जा सके।
गुजरात सरकार ने घोषणा की है कि यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से स्टांप ड्यूटी चोरी पर लगाम लगेगी और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी। साथ ही, संपत्ति से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी आएगी। यह निर्णय राज्य सरकार की आय बढ़ाने और आम नागरिकों को ठगी से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।