राजस्थानसामाजिक/ धार्मिकसूरत सिटी
जो ज्ञान अंहकार का कारण बन जाए वो ज्ञान है ही नही-आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वर
जीवन विकास से विनाश की बीच अंहकार खड़ा है-खरतरगच्छाधिति

आज आचार्यश्री शंका-समाधान प्रश्नो के उत्तर प्रवचन माला में देंगे
आचार्यश्री को चम्पावाड़ी तीर्थ ट्रस्ट ने की 25वीं वर्षगांठ में निश्रा प्रदान करने की विनती
बाड़मेर। कोटड़िया-नाहटा ग्राउण्ड स्थित सुधर्मा प्रवचन वाटिका में श्री बाड़मेर।जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के तत्वाधान में संघ शास्ता वर्षावास 2025 का चातुर्मास खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. की पावन निश्रा व बहिन म.सा. साध्वी डाॅ. विधुत्प्रभाश्री व श्रमण-श्रमणीवृन्द के पावन सानिध्य में शुक्रवार आचार्यश्री ने कहा कि जो ज्ञान अंहकार का कारण बन जाए वो ज्ञान है ही नही, सफलता का श्रेय सदैव दुसरों को दिजिए ये दो लाइन जीवन में उतार लिजिएं। जीवन में अहंकार नही आएगा और अहंकार नही आएगा तो जीवन सुखमय एवं सुखकारी हो जाएगा। अहंकार के आते ही जीवन के सारे अवगुण आपके जीवन में प्रवेश करेंगे और आपका जीवन विकास से विनाश की ओर ले जाएगा। अपने आप को हर हाल में सद्कर्म करें ये केवल आपका भविष्य ही आने वाला भव भी सुधार देगा। भगवान महावीर ने स्वयं के पाप कर्मो का नाश करने के लिए क्या कष्ट नही सहे। हमारें तीर्थकर परमात्मा में किसी को भी पढना प्रारम्भ करें आपको समझ आएगा कि परमात्मा पद प्राप्त करने के लिए उन्होंने कैसे कैसे कष्ट सहकर पाप कर्मो का नाश किया और परमात्मा पद की प्राप्ति की।
आचार्यश्री को चम्पावाड़ी तीर्थ ट्रस्ट ने की 25वीं वर्षगांठ में निश्रा प्रदान करने की विनती
बाड़मेर। कोटड़िया-नाहटा ग्राउण्ड स्थित सुधर्मा प्रवचन वाटिका में श्री बाड़मेर।जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के तत्वाधान में संघ शास्ता वर्षावास 2025 का चातुर्मास खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. की पावन निश्रा व बहिन म.सा. साध्वी डाॅ. विधुत्प्रभाश्री व श्रमण-श्रमणीवृन्द के पावन सानिध्य में शुक्रवार आचार्यश्री ने कहा कि जो ज्ञान अंहकार का कारण बन जाए वो ज्ञान है ही नही, सफलता का श्रेय सदैव दुसरों को दिजिए ये दो लाइन जीवन में उतार लिजिएं। जीवन में अहंकार नही आएगा और अहंकार नही आएगा तो जीवन सुखमय एवं सुखकारी हो जाएगा। अहंकार के आते ही जीवन के सारे अवगुण आपके जीवन में प्रवेश करेंगे और आपका जीवन विकास से विनाश की ओर ले जाएगा। अपने आप को हर हाल में सद्कर्म करें ये केवल आपका भविष्य ही आने वाला भव भी सुधार देगा। भगवान महावीर ने स्वयं के पाप कर्मो का नाश करने के लिए क्या कष्ट नही सहे। हमारें तीर्थकर परमात्मा में किसी को भी पढना प्रारम्भ करें आपको समझ आएगा कि परमात्मा पद प्राप्त करने के लिए उन्होंने कैसे कैसे कष्ट सहकर पाप कर्मो का नाश किया और परमात्मा पद की प्राप्ति की।

चातुर्मास कमेटी के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश भंसाली व ट्रस्टी गौतमचन्द बोथरा ने बताया कि चातुर्मास प्रवचन के दौरान सिवाणा के चम्पावाड़ी ट्रस्ट द्वारा चम्पावाड़ी तीर्थ की मन्दिर की पच्चीसवीं वर्षगांठ 21 जनवरी 2026 को होगी, जिसमें पंचान्हिका महोत्सव का मुहुर्त व सिवाणा से नाकोड़ा तीर्थ 26 दिसम्बर से 30 दिसम्बर तक छःरि पालित संघ की स्वीकृति आचार्यश्री द्वारा प्रदान की गई, इन सभी कार्यक्रम में गुरूदेव को पंचान्हिका महोत्सव व छःरि पालित संघ में निश्रा हेतु विनती की गई। आज शनिवार को शंका-समाधान पर प्रश्न जवाब आयोजित होगा, जिसमें प्रत्येक संघ के व्यक्ति के प्रश्न का जवाब दिया जायेगा, जिसका पेटिका सुधर्मा प्रवचन वाटिका में रखी गई है, उसमें पेज पर लिखकर डाल दे, जिसका जवाब आर्चायश्री द्वारा प्रवचन में दिया जायेगा।

शनिवार को आराधना भवन में बहिन म.सा. साध्वी डाॅ. विधुत्प्रभाश्री की निश्रा में दोपहर 03.00 से 04.00 बजे तक महिलाओं का शिविर आयोजित होगा। पुरूषों का प्रतिदिन प्रतिक्रमण केयुप भवन में होगा।चातुर्मास कमेटी के ट्रस्टी रमेश धारीवाल व मीडिया संयोजक कपिल मालू ने बताया कि शुक्रवार को तेले की तपस्या रामीदेवी सम्पतराज बोथरा की रही और आयंबिल की तपस्या लीलादेवी पवनकुमार सिंघवी की रही। चातुर्मासिक प्रवचन माला में गुरूभक्त वंशराज भंसाली अहमदाबाद,चम्पालाल मण्डोवरा, निर्मल बोथरा सांचोर,भंवरलाल बोकड़िया जसोल,शंकरलाल हुण्डिया सांचोर,मनोज गांधी सिवाड़ा,नरेन्द्र संखलेचा गढ-सिवाणा,भंवरलाल मण्डोवरा, गौतमचन्द वडेरा इचलकरणजी सहित कई गुरूभक्त बाहरी राज्यों से गुरूदेव के दर्शन करने बाड़मेर पहुंचे, जिनका कमेटी की ओर से लाभार्थी परिवारों द्वारा अभिनन्दन किया गया। संगीतकार गौरव मालू द्वारा भजनों से रिझाया गया। खरतरगच्छ संघ द्वारा तपस्वियों की सुखसाता पुछी गई।

कल रविवार को होंगे विशेष कार्यक्रमः-चातुर्मास कमेटी के ट्रस्टी मुकेश धारीवाल ने बताया कि कल रविवार को कोटड़िया नाहटा ग्राउण्ड स्थित सुधर्मा प्रवचन वाटिका में ‘‘परिवार में शांति कैसे हो, परिवार में प्यार का रंग कैसे बिखरे‘‘ पर विशेष प्रवचन प्रातः 09.15 बजे से होगा व दोपहर 02.00 बजे ‘‘भक्ति रंग लाग्यो‘‘ं प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जिसमें 15 वर्ष से 50 वर्ष तक आयु के बालक-बालिकाएं, पुरूष व महिलाएं भाग ले सकती है।