टेक्सटाइल वीक के तहत ‘सूरत में गारमेंट उद्योग का भविष्य’ विषय पर सेमिनार आयोजित
सूरत। सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के जीएफआरआरसी द्वारा आयोजित टेक्सटाइल वीक के चौथे दिन ‘सूरत में गारमेंट का भविष्य’ विषयक सेमिनार संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि गिन्नी ग्रुप के डायरेक्टर रमेश लोहिया रहे, वहीं वज़ीर एडवाइजर्स के प्रशांत अग्रवाल व सुरेंद्र जैन ने विशेषज्ञ वक्ता के रूप में मार्गदर्शन दिया।
चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि सूरत रेडीमेड गारमेंट हब के रूप में उभर सकता है, जिसके लिए वैल्यू एडिशन, ब्रांडिंग व इनोवेशन में निवेश जरूरी है। रमेश लोहिया ने कहा कि रेडीमेड गारमेंट से सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी, क्योंकि यह 100 रुपये से 1000 रुपये की वैल्यू जोड़ने वाला क्षेत्र है।
प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि दुनिया में मैनमेड फैब्रिक की मांग बढ़ रही है और सूरत इसमें अग्रणी है, इसलिए एक्सपोर्ट की दिशा में बढ़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत से वर्तमान में 16 बिलियन डॉलर का गारमेंट एक्सपोर्ट होता है, जो 2030 तक 40 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
वक्ताओं ने उत्पादन गुणवत्ता, स्किल डेवलपमेंट, ऑटोमेशन, डिजिटलाइजेशन और गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग में प्लानिंग व एक्सीलेंस पर बल दिया।
चैंबर ग्रुप चेयरमैन गिरधर गोपाल मुंदड़ा ने कहा कि यदि सूरत में ही कटिंग से लेकर पैकिंग तक की चेन विकसित हो जाए तो रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट में तीन गुना लाभ मिल सकता है। पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने टेक्नोलॉजी, डिज़ाइनिंग व एक्सपोर्ट संबंधी मुद्दों पर विचार व्यक्त किए।
सेमिनार का संचालन डॉ. बंधना भट्टाचार्य ने किया। कार्यक्रम में कई उद्योगपति, पूर्व अध्यक्ष, पैनलिस्ट और फैशन डिज़ाइनिंग समिति के सदस्य उपस्थित रहे।