
सूरत। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अधीन विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा हाल ही में जारी अधिसूचना के अनुसार बांग्लादेश से आयातित रेडीमेड वस्त्र, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, प्लास्टिक उत्पाद, फर्नीचर आदि पर अब केवल चयनित बंदरगाहों के माध्यम से ही भारत में प्रवेश की अनुमति दी गई है। साथ ही, पूर्वोत्तर राज्यों—मेघालय, असम, त्रिपुरा और मिजोरम—में इन वस्तुओं के बांग्लादेश से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन चंपालाल बोथरा (जैन) ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह भारत के MSME कपड़ा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक पहल है। इससे जहां देश में उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, वहीं छोटे उद्यमियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना करने में मजबूती भी मिलेगी।
इस निर्णय से MSME कपड़ा क्षेत्र को प्रमुख लाभ:
1. घरेलू प्रतिस्पर्धा में कमी: बांग्लादेशी सस्ते रेडीमेड वस्त्रों के विकल्प सीमित होने से भारतीय उत्पादकों को बाजार में अधिक अवसर मिलेंगे।
2. स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा: सूरत, तिरुपुर, भिवंडी, इचलकरंजी, जयपुर, जबलपुर, इंदौर, अहमदाबाद, लुधियाना जैसे वस्त्र हब की MSME इकाइयों को नए ऑर्डर मिलने की संभावनाएं बढ़ेंगी।
3. पूर्वोत्तर राज्यों में रोजगार व निर्माण को बल: प्रतिबंध के कारण इन राज्यों में अब स्थानीय उद्योगों को निर्माण व आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने का अवसर मिलेगा।
4. आत्मनिर्भरता को मिलेगा बल: यह प्रतिबंध भारत को आयात-निर्भरता से मुक्त कर आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करेगा।
बोथरा ने आगे कहा कि यह निर्णय भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में औद्योगिक विकास की नींव रखेगा और वस्त्र क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर करेगा। उन्होंने MSME उद्यमियों से आह्वान किया कि वे इस अवसर का भरपूर उपयोग करें और स्थानीय नवाचार, गुणवत्ता एवं ब्रांडिंग को प्राथमिकता दें।