सम्यक्त्वी व्यक्ति की वृति हंस की तरह होती है: आचार्य सम्राट डॉ. शिवमुनि जी म.सा.

अवध संगरीला,बलेश्वर, सूरत।रविवार को नाशिक (महाराष्ट्र), कुप्पकलां (पंजाब) ध्यान केन्द्र में 7 सितम्बर से 16 सितम्बर 2025 तक एक दिवसीय,चार दिवसीय एवं दस दिवसीय आत्म ध्यान साधना शिविर का शुभारंभ हुआ। इस शिविर में अनेक जगहों से आए आत्मर्थी साधक भाग ले रहे हैं। शिविर में भाग लेने वाले साधकों के लिए भोजन आवास की निःशुल्क व्यवस्था रहती है, इस शिविर में कोई भी भाई-बहन भाग लेकर अपनी आत्मा का कल्याण कर सकता है।
आत्मज्ञानी सद्गुरुदेव आचार्य सम्राट डॉ.श्री शिवमुनि जी म.सा. ने उपस्थित धर्म सभा को संबोधित करते हुए अपने उद्बोधन में हंस और बगुले के वृत्तांत को फरमाते हुए कहा कि हंस मानसरोवर में केवल मोती चुगता है उसकी दृष्टि मोती पर रहती है और बगुला भी मानसरोवर पर रहता है पर उसकी दृष्टि मछली पर रहती है वह मछली को पकड़ता है। दोनों मानसरोवर पर रहते हैं दोनों का रंग सफेद है किंतु दोनों की दृष्टि अलग-अलग है। इसी तरह जो मिथ्यात्वी होता है उसकी दृष्टि मिथ्यात्वी होती है।सम्यक्त्वी व्यक्ति की वृति हंस की तरह होती है।
आचार्य भगवन ने काम,भोग, वासना को संसार को बढ़ाने वाला बताते हुए फरमाया कि संसार में सुख थोड़ा है और दुःख ज्यादा है। इस दुःख भरे संसार में समता भाव से रहना चाहिए।

आचार्य भगवन ने आगे फरमाया कि बच्चों को गर्भ से ही संस्कार देने चाहिए। माता के व्यवहार का प्रभाव बच्चे पर पड़ता है।मां के द्वारा बच्चों को गर्भ से ही संस्कार दिये जाते हैं तो बच्चे का जीवन भी अच्छा होगा। सती मदालसा ने अपने बच्चों को गर्भ से ही संस्कार दिये और अपने सातों बच्चों को साधु बना दिया।यह गर्भ संस्कार का ही परिणाम था।
प्रमुखमंत्री श्री शिरीष मुनि जी म.सा. ने अपने उद्बोधन में फरमाया कि कोई भी प्रार्थना के पीछे भौतिक मांग न होते हुए केवल यही प्रार्थना हो कि मुझे वह विधि मिल जाए जिससे कि मैं इस संसार सागर से पार हो जाऊं। प्रार्थना का प्रयोजन है विनम्र हो जाओ। व्यक्ति का मन चंचल है, मन में विचार धारणाएं आती रहती है,उस स्थिति में मन में जो आ रहा है उसे जानो और देखो, मन,बुद्धि पाचों इन्द्रियां जड़ है उसके भीतर जीव विद्यमान है। उस जीव को महत्त्व दो तो कल्याण संभव है।
युवामनिषी श्री शुभम मुनि जी म.सा.ने ‘चरणों में आज प्रभु इतनी सी है फरियाद’ सुमधुर भजन की प्रस्तुति दी।
रविवार को अनेक जगहों से संघ गुरु दर्शन हेतु उपस्थित हुए जिसमें नाशिक रोड महिला मण्डल,वेसु सूरत महिला मण्डल,बलसाड श्रीसंघ गुरु दर्शन हेतु उपस्थित हुआ।




