
नई दिल्ली, बुधवार: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कर व्यवस्था में व्यापक बदलावों की घोषणा करते हुए कारोबारियों और आमजन के लिए राहत की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि सरकार जीएसटी और आयकर दोनों मोर्चों पर सुधार की दिशा में कदम उठा रही है, जिससे व्यापार जगत से लेकर आम आदमी तक को सीधा लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने जीएसटी लागू होने के लगभग आठ वर्ष बाद इसके सरलीकरण की आवश्यकता जताते हुए कहा कि अब आत्मनिर्भर भारत के तहत जीएसटी की दरों को दो श्रेणियों — स्टैंडर्ड और मेरिट — में सीमित करने पर विचार हो रहा है। उन्होंने जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाने, रिटर्न में डेटा मिसमैच की समस्या दूर करने तथा जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया को और सहज करने की भी बात कही।
पीएम मोदी ने आयकर में नई टैक्स प्रणाली को बढ़ावा देने की नीति दोहराई। वहीं उन्होंने आम आदमी की बढ़ती चिकित्सकीय चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि मेडिक्लेम पॉलिसियों पर जीएसटी की मार लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है। ऐसे में सरकार का इरादा है कि मेडिक्लेम पॉलिसियों से जीएसटी हटाया जाए, ताकि स्वास्थ्य बीमा आमजन के लिए और सुलभ हो सके।
उन्होंने बताया कि यह घोषणाएँ अभी प्राथमिक स्तर पर हुई हैं और आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में इन्हें औपचारिक रूप से रखा जाएगा, जहाँ केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल से निर्णय लिया जाएगा। परिषद की अगली बैठक में छोटे कारोबारियों के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सीमा 40 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने की मांग भी रखी जाएगी, जिससे सूक्ष्म व लघु व्यापारियों को बड़ी राहत मिल सके।