businessगुजरातटॉप न्यूज़सूरत सिटी

GST फाइलिंग से जुड़े महत्वपूर्ण बदलाव जुलाई 2025 से होंगे लागु

व्यवसायियों व टैक्सपेयर्स को देना होगा ध्यान-

सूरत।जुलाई 2025 से जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनका प्रभाव छोटे से लेकर बड़े सभी करदाताओं पर पड़ेगा। आइए जानते हैं इन नए नियमों की मुख्य बातें—

जीएसटी आर-3B लॉकिंग व्यवस्था-

अब जीएसटी आर-3B ऑटो-पॉपुलेशन (सिस्टम द्वारा स्वतः भरने) के बाद एडिट (संशोधित) नहीं किया जा सकेगा। यानी कि अब ऑटो-फिल के बाद मैन्युअल बदलाव की अनुमति नहीं होगी। किसी भी प्रकार की त्रुटियों का सुधार केवल जीएसटी आर-1A के माध्यम से ही किया जा सकेगा और वह भी जीएसटी-3B फाइल करने से पहले। व भी प्रत्येक टैक्स अवधि में केवल एक बार ही करेक्शन की अनुमति होगी। मैन्युअल एंट्री केवल रिवर्स चार्ज(RCM) से संबंधित मामलों में ही मानी जाएगी।

जीएसटी के सभी रिटर्न की 3 साल की समयसीमा-

अब जीएसटी आर-1, 3B, 4, 5, 5A, 6, 7, 8, 9 जैसे रिटर्न निर्धारित तारीख से 3 साल के भीतर ही दाखिल किए जा सकेंगे।3 साल से पुराने सभी लंबित रिटर्न को 30 जून 2025 तक हर हाल में फाइल करना अनिवार्य होगा। इसके बाद वे मान्य नहीं होंगे।

इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से जुड़े प्रावधान-

यदि जीएसटी आर-1 में कोई गलती होती है, तो उसका सीधा असर जीएसटी आर-2B व जीएसटी आर-3B में दिखाई देने वाले ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) डेटा पर पड़ेगा।ITC क्लेम की अंतिम तारीख पहले की तरह ही रहेगी — संबंधित वित्तीय वर्ष के 30 नवम्बर तक।

इन नियमों का पालन न करने पर टैक्सपेयर्स को ITC नुकसान, पेनल्टी या रिटर्न रिजेक्शन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सभी व्यापारी, टैक्स सलाहकार व चार्टर्ड अकाउंटेंट्स समय पर इन बदलावों को समझें और आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करें।

सी.ए
नितेश अग्रवाल, सूरत

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button