
सूरत।सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए टैक्स नियमों में बड़ा फेरबदल किया गया , जिससे छोटे व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई है जबकि मंझले व्यापारियों को बड़ी राहत मिल रही है।
सरकार की ओर से घोषित प्रावधानों के अनुसार जिन व्यापारियों का सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें प्रिज़म्पटिव टैक्सेशन स्कीम के तहत अपना 6% (डिजिटल लेन-देन पर) या 8% (कैश लेन-देन पर) मुनाफा दिखाना अनिवार्य होगा। यदि कोई व्यापारी इस सीमा से कम मुनाफा दिखाता है, तो उसे टैक्स ऑडिट करवाना अनिवार्य होगा।भले कमाई कम पर सरकारी हिसाब से प्रॉफिट दिखाना जरूरी।
बड़े व्यापारियों को राहत–
वहीं दूसरी ओर, जिन व्यापारियों का टर्नओवर 2 करोड़ से लेकर 10 करोड़ रुपये तक है, उन्हें इस प्रिज़म्पटिव टैक्स की झंझट से राहत मिल रही है बशर्ते कि उनकी कुल बिक्री का 95% से अधिक लेन-देन बैंकिंग माध्यमों (डिजिटल/चेक आदि) से हुआ हो।
इस सुविधा का लाभ लेते हुए बड़े व्यापारी मनचाहा प्रॉफिट दिखा सकते हैं और टैक्स ऑडिट की अनिवार्यता से बच सकते हैं। इसके अंतर्गत व्यापारियों को 31 जुलाई 2025 तक अपना रिटर्न फाइल करना होगा।
हाउसिंग लोन वालों को पुरानी व्यवस्था में फायदा-
यदि किसी करदाता पर हाउसिंग लोन चल रहा है, तो वह पुरानी व्यवस्था यानी ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 2 लाख रुपये तक होम लोन के ब्याज और 1.50 लाख रुपये तक सेक्शन 80C के तहत कटौती का लाभ उठा सकते है।
सरकार का न्यू टैक्स रिजीम की ओर झुकाव-
सरकार धीरे-धीरे करदाताओं को न्यू टैक्स रिजीम की ओर प्रोत्साहित कर रही है।वही अगले साल यानी की F/Y 2025-26 में न्यू टेक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की आय पर शून्य टैक्स का लाभ अधिक आकर्षक हो सकता है, जिससे करदाता पुरानी व्यवस्था से धीरे धीरे निकल सकते हैं।
सरकार की यह नीति छोटे व्यापारियों के लिए सख्ती और मंझले व्यापारियों के लिए राहत का संकेत देती है। अब देखना होगा कि व्यापार जगत इस नई व्यवस्था को कैसे स्वीकार करता है।व छोटे व्यापारी कब तक ये टर्नओवर का टेक्स टेस्ट झेलते रहेंगे।