सूरत स्पा केस में तीनों आरोपी बरी
अदालत का फैसला : पर्याप्त और ठोस सबूत नहीं होने पर सभी आरोपियों को निर्दोष करार
सूरत, दिनांक 21 जून 2025।
जनवरी 2021 में सूरत के उमरा पुलिस थाना क्षेत्र में सूचना मिली थी कि वेसु क्षेत्र स्थित सन आर्केड में संचालित ‘कोकून थाई स्पा’ में आने वाले ग्राहकों को मसाज के नाम पर शारीरिक सुख की अवैध सेवाएं दी जाती हैं। इस सूचना के आधार पर उमरा पुलिस और एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट (ATHU) द्वारा संयुक्त छापेमारी की गई थी, जिसमें सृष्टिधर महतो, पईम अहमद उर्फ मलिक नईम अहमद और निकुंज ओगरीवाला को हिरासत में लिया गया था।
पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्तागण वीरल मेहता और अश्विन जोगड़िया ने पक्ष रखा।
मामले की सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय ने कहा कि “यदि किसी घटनास्थल से या वहां मौजूद व्यक्ति के पास से कोई अप्रयुक्त कंडोम या शारीरिक सुख से संबंधित कोई वस्तु बरामद होती है, तो मात्र उस आधार पर यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि वह स्थान या व्यक्ति देह व्यापार में लिप्त है, जब तक कि ठोस और निष्पक्ष प्रमाण न हों।”
अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अभियोजन पक्ष द्वारा ऐसा कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे आरोपियों पर लगा अपराध संदेह से परे साबित हो सके। अतः न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया।
न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 248(1) के तहत ‘इममोरल ट्रैफिक (प्रिवेन्शन) एक्ट’ की धारा 3, 4, 5 व 7 के तहत लगे सभी आरोपों से आरोपियों को निर्दोष घोषित कर बरी कर दिया।
अगर इस निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं की गई है, तो पूर्व में दिए गए सभी अंतरिम आदेश यथावत रहेंगे। साथ ही जब्त की गई नकद राशि संबंधित व्यक्ति को लौटाने और अन्य अनुपयोगी सामान को नष्ट करने का आदेश भी अदालत ने दिया।
साथ ही, आरोपियों को आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 437(ए) के अंतर्गत उच्च न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 6 माह के लिए ₹5,000 के मुचलके तथा उतनी ही राशि के निजी बॉन्ड प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया गया।