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गीता बाल संस्कार शिक्षा का शुभारंभ अग्रवाल समाज ट्रस्ट भवन में सम्पन्न

151 बच्चों के साथ कक्षाओं की शुरुआत, संस्कार और संस्कृति का सिंचन उद्देश्य

सूरत। अग्रवाल समाज ट्रस्ट (घुड़दौड़ रोड) एवं गीता बाल संस्कार केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में सनातन धर्म की पावन प्रेरणा से गीता बाल संस्कार कक्षाओं का शुभारंभ रविवार को किया गया। इस पहल का उद्देश्य बच्चों में भारतीय संस्कृति, संस्कार और गीता ज्ञान का सिंचन करना है। प्रारंभ में 151 बच्चों को प्रवेश दिया गया है। शिक्षकों की संख्या बढ़ने पर और बच्चों को जोड़ा जाएगा।

यह संकल्प स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज की प्रेरणा तथा भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार व सेठ श्री जयदयाल गोयन्दका के आदर्शों से प्रेरित है, जो गीता ज्ञान के प्रचार में अग्रणी रहे।

उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि खेमचंद जी सरायवाले एवं अतिथि विशेष विनोद जी बेरीवाला थे, जो समाज की स्थापना से जुड़े प्राथमिक सदस्य रहे हैं। इन्हें उनकी सेवाओं के लिए विशेष सम्मान दिया गया।

समारोह में अध्यक्ष रामप्रसाद अग्रवाल ने सुझाव दिया कि कक्षाएं सप्ताह में एक के बजाय कम से कम दो दिन हों, जिससे अधिक बच्चों को लाभ मिल सके। सचिव राजकुमार जयबाबा ने कहा कि संस्था का उद्देश्य ही ऐसी पावन सेवाओं को सतत करना है। संरक्षक संजय जगन्नानी ने जानकारी दी कि अग्रवाल समाज ट्रस्ट वर्तमान में 36 सेवा प्रकल्पों का संचालन कर रहा है और स्थापना से ही सेवा को ही अपना मूल उद्देश्य बनाए हुए है।

इस शुभारंभ अवसर पर मोतीलाल जालान, रामप्रकाश रूंगटा, द्वारका प्रसाद चिरानिया, विजय खेमानी, रामावतार चौधरी, चेयरमैन श्याम खेतान, गीता बाल शिक्षा केंद्र की निमिषा अग्रवाल, गीता भवन की संतोष पंसारी सहित समाज के अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों ने इस पहल की सराहना करते हुए बच्चों में संस्कारों के बीजारोपण को आज के युग की अनिवार्यता बताया।

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