आचार्य श्री तुलसी महाप्रयाण (विसर्जन) दिवस पर श्रद्धांजलि सभा सम्पन्न
तेरापंथ महिला मंडल सूरत द्वारा शासन श्री साध्वी मधुबाला जी ठाणा-5 के सान्निध्य में आयोजन

सूरत। आचार्य श्री तुलसी के 29वें महाप्रयाण दिवस को तेरापंथ महिला मंडल सूरत ने अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में प्रतिवर्ष की भांति विसर्जन दिवस के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाया। कार्यक्रम का आयोजन अटलांटा इलाइट बंगला, वेसु स्थित अनिल चंडालिया के निवास स्थान पर हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत शासन श्री साध्वी मधुबाला जी के मंगल सान्निध्य में नमस्कार महामंत्र से हुई, जिसके पश्चात मंडल की बहनों द्वारा तुलसी अष्टकम का भावपूर्ण पाठ किया गया।
मंडल अध्यक्षा चंदा भोगर ने स्वागत उद्बोधन में सभी आगंतुकों का हार्दिक स्वागत किया। कन्या मंडल की बहनों ने गुरुदेव को समर्पित एक सुंदर गीत की प्रस्तुति दी, जिसने वातावरण को भाव-विभोर कर दिया।
कार्यक्रम में तेरापंथी सभा सूरत के मंत्री महेंद्र गांधी मेहता, तेयुप सूरत अध्यक्ष नमन मेडतवाल, ग्रेटर अणुव्रत समिति अध्यक्ष विमल लोढ़ा, तेरापंथ महासभा गुजरात प्रभारी अनिल चंडालिया एवं अभातेमम की मुख्य ट्रस्टी कनक बरमेचा ने आचार्य श्री के बहुआयामी अवदानों का स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए।
मंडल की बहनों ने आचार्य तुलसी के विभिन्न आयामों को एक संवाद के रूप में प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
साध्वी श्री मेधावी प्रभा जी, साध्वी सौभाग्य श्री जी, साध्वी मंजुल यशा जी और साध्वी विज्ञान श्री जी ने अपने-अपने गुरुदेव से जुड़े प्रेरणादायी संस्मरण साझा किए।
शासन श्री साध्वी मधुबाला जी ने अपने प्रेरणा पाथेय में कहा—
“गुरुदेव तुलसी के कार्यों का विरोध हुआ, परंतु उनका वाक्य – ‘जो हमारा करे विरोध, हम उसे समझें विनोद’ – तेरापंथ संघ में क्रांति का सूत्र बना। उन्होंने संघ को रूढ़ियों से मुक्त किया।”
कार्यक्रम का कुशल संचालन सह-मंत्री मीना मेहता ने किया तथा मंत्री सुषमा बोथरा ने आभार ज्ञापन प्रस्तुत किया।
इस गरिमामय श्रद्धांजलि सभा में मंडल के परामर्शक, पूर्वाध्यक्षा, पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्यों सहित लगभग 300 श्रद्धालु उपस्थित रहे।
अंत में नारिलोके उल्लेखित संकल्पों को सभी बहनों द्वारा अंगीकार कर गुरुदेव को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की गई।