6.59 करोड़ की जमीन ठगी का पर्दाफाश: सौदा एक से, रजिस्ट्री किसी और के नाम – दो भाइयों पर मामला दर्ज
क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा कर रही जांच, अहमदाबाद के व्यापारी के दोस्त से की गई ठगी

सूरत। शहर में जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर एक बड़ा और गंभीर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें दो सगे भाइयों ने मिलकर अहमदाबाद निवासी व्यापारी के मित्र को 6.59 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया। आरोपी भाइयों ने पहले पीड़ित से जमीन की साटाखत की और बाद में उसी जमीन की रजिस्ट्री किसी अन्य व्यक्ति के नाम कर दी। मामला सामने आने के बाद सूरत क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध निवारण शाखा ने दोनों भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू की है।
शिकायतकर्ता अहमदाबाद के राणीप क्षेत्र निवासी प्रेरक पटेल ने बताया कि उनके मित्र घनपालभाई ने सूरत के सणिया हेमाद गांव स्थित 4543 वर्गमीटर जमीन के सौदे के तहत आरोपी लक्ष्मीदास बालुभाई वेकरिया की फर्म में 6,59,34,678 रुपये का निवेश किया था। इस निवेश के बदले लक्ष्मीदास वेकरिया ने उक्त जमीन की एग्रीमेंट टू सेल (साटाखत) घनपालभाई के नाम पंजीकृत करवाई थी, और तय हुआ था कि गैर-कृषि (NA) में तब्दील कर यह जमीन आगे चलकर उनके नाम रजिस्ट्री की जाएगी।
हालांकि, बाद में लक्ष्मीदास की नीयत बदल गई। उसने धोखाधड़ी की साजिश के तहत उक्त जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी अपने ही भाई व्रजलाल वेकरिया के नाम कर दी। व्रजलाल ने इस पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग करते हुए पूरी जमीन दो अन्य व्यक्तियों – जनकभाई भालाळा और राजेंद्र काकड़िया को बेच दी और रजिस्ट्री भी उनके नाम करवा दी।
घनपालभाई और प्रेरक पटेल को जब इस ठगी का पता चला तो उनके होश उड़ गए। जिस जमीन के लिए करोड़ों रुपये का सौदा किया गया था, वह अब किसी और के नाम पर जा चुकी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत को सूरत क्राइम ब्रांच को सौंपा गया।
क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा ने पुलिस इंस्पेक्टर एम.एन. जाडेजा के मार्गदर्शन में लक्ष्मीदास वेकरिया और व्रजलाल वेकरिया के खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल आरोपियों की तलाश जारी है और आगे की कार्रवाई प्रगति पर है।