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थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए सूरत पुलिस की रक्तदान पहल बनी जीवनदायिनी आशा

पूणा थाने पर आयोजित रक्तदान शिविर में जुटीं 803 यूनिट रक्त की बोतलें

सूरत। थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को समय पर नि:शुल्क रक्त उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सूरत सिटी पुलिस कमिश्नरेट के निर्देश पर जोन-1 क्षेत्र के अंतर्गत पूणा पुलिस थाने में सोमवार को भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में पुलिसकर्मियों सहित शहर के नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और कुल 803 यूनिट रक्त एकत्र कर समाजसेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।

रक्तदान शिविर का शुभारंभ सोमवार सुबह 8 बजे भगवान श्री गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर सूरत पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत, नायब पुलिस आयुक्त (जोन-1) आलोक कुमार, विशेष पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ अधिकारी, नगरसेवक तथा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान नियमित रक्तदान करने वाले समर्पित रक्तदाताओं को पुलिस आयुक्त द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

इस विशेष शिविर में सूरत के छह प्रमुख रक्तदान संस्थानों — सूरत रक्तदान केंद्र, स्मीमेर ब्लड बैंक, सिविल ब्लड बैंक, लोक समर्पण रक्त केंद्र, शारदा पटेल ब्लड बैंक और किरण हॉस्पिटल ब्लड बैंक — की टीमों ने सक्रिय सहभागिता निभाई। इन संस्थानों ने रक्त संग्रहण की प्रक्रिया को व्यवस्थित, सुरक्षित और सुसंगठित रूप से संपन्न किया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिविर में कुल 803 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया, जिसमें 225 से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ बड़ी संख्या में नागरिकों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। जोन-1 क्षेत्र के सभी पुलिस थानों के अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए थे कि वे अधिक से अधिक लोगों को इस मानवीय कार्य के लिए प्रेरित करें। इसी के तहत व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया गया, जिसमें पुलिस और समाज दोनों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली।

मौके पर मीडिया से बात करते हुए पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि सूरत शहर सेवा और दानशीलता की भावना में हमेशा अग्रणी रहा है। यह रक्तदान शिविर थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों के जीवन में आशा का संचार करेगा और समाज में मानवीयता का संदेश देगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस केवल कानून-व्यवस्था की संरक्षक नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्वों की भी वाहक है।

सूरत पुलिस की इस पहल को समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा सराहना मिली है। कमिश्नरेट ने भविष्य में भी इस प्रकार के सेवा मूलक आयोजन नियमित रूप से जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। यह आयोजन न केवल पुलिस और जनता के बीच विश्वास को मजबूत करता है, बल्कि समाज में सहयोग और संवेदना की भावना को भी प्रोत्साहित करता है।

 

 

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