
सूरत।कपड़ा व्यापार में पारदर्शिता और न्याय की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत ने धोखाधड़ी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाया है। अब वे व्यापारी नहीं बचेंगे जो सूरत से कपड़ा खरीदने के बाद भुगतान नहीं करते और उल्टा संस्था को धमकाने के लिए झूठी एफआईआर दर्ज करवाते हैं।
संस्था के अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल ने जानकारी दी कि कुछ व्यापारी जानबूझकर संस्था पर दबाव बनाने के लिए गलत इरादे से फर्जी एफआईआर दर्ज करा रहे थे, ताकि वे खरीदे गए माल की रकम रोके रख सकें। इस प्रकार की अनुचित कार्रवाइयों को रोकने के लिए संस्था ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने एफआईआर पर स्थगन आदेश (स्टे) जारी कर दिया।
यह फैसला न केवल संस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी सफलता है, बल्कि यह कपड़ा व्यापारियों को राहत देने वाला भी है। संस्था ने स्पष्ट किया है कि अब कोई भी गलत इरादे से कार्य करने वाला व्यापारी कानून से नहीं बच सकेगा।
संस्था अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल ने दोटूक शब्दों में कहा,
“जब तक मैं संस्था का अध्यक्ष हूं, सभी आढ़ती, एजेंसी, एजेंट, दुकानदार और व्यापारियों के हित में निष्पक्ष और निरंतर कार्य करता रहूंगा। हमारा उद्देश्य ईमानदार व्यापारियों को बिना किसी भेदभाव के न्याय दिलाना है।”
संस्था की इस सशक्त और निर्भीक कार्यशैली से पीड़ित व्यापारियों को न केवल संबल मिला है, बल्कि सूरत के कपड़ा उद्योग में ईमानदारी और पारदर्शिता की भावना भी प्रबल हुई है। संस्था ने यह भी स्पष्ट किया है कि आगे भी ऐसे मामलों में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और कपड़ा व्यापार में अनुशासन और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
यह पहल अन्य व्यापारिक संगठनों के लिए भी प्रेरणादायक बन रही है, जिससे कपड़ा बाजार में विश्वसनीयता और सजगता की नई लहर देखी जा रही है।