चेक रिटर्न केस में व्यापारी को एक साल की सजा
27.95 लाख रुपये चुकाने का भी कोर्ट का आदेश

सूरत, 7 अप्रैल। सूरत की एक अदालत ने चेक रिटर्न मामले में राजस्थानी व्यापारी को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने आरोपी को फरियादी व्यापारी को 27,95,328 रुपये की पूरी राशि चुकाने का भी आदेश दिया है।
मामले के अनुसार, राजस्थानी व्यापारी कार्तिक चौधरी ने शुरू से ही धोखाधड़ी की मंशा से फरियादी के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित किए और उससे उधार में कुल 27,95,328 रुपये का माल खरीदा। भुगतान के तौर पर दिए गए चेक बैंक में रिटर्न हो गए, जिसके बाद फरियादी ने अपने वकील गुलाम मोहयुद्दीन जी. दारोगा व सुफ़ियान जी. दारोगा के माध्यम से नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी।
सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि आरोपी ने न तो खुद को निर्दोष सिद्ध करने के लिए कोई साक्ष्य पेश किया और न ही कोई बचाव किया। ऐसे में अदालत ने माना कि आरोपी द्वारा दिए गए चेक वैध देनदारी की पूर्ति के लिए थे। अंततः अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए 27,95,328 रुपये फरियादी को चुकाने और एक वर्ष की साधारण कारावास की सजा सुनाई। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि आरोपी यह राशि अदा नहीं करता है, तो उसे एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।