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दीक्षा वह चिंतामणि रत्न है जिसके द्वारा मोक्ष की मंजिल को प्राप्त किया जा सकता है-शासनश्री साध्वी श्री मधुबाला जी

तेरापंथ भवन, उधना में चार दीक्षार्थी भाई-बहनों का भव्य मंगल भावना समारोह आयोजित हुआ।

सूरत।आगामी 3 सितम्बर 2025 को प्रेक्षा विश्व भारती, कोबा (अहमदाबाद) में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के करकमलों से  चारों साधकों को दीक्षा प्रदान की जाएगी।

साध्वी श्री मधुबाला जी के पावन सान्निध्य में आयोजित इस समारोह में कुमारी अंजलि सिंघवी (कोयंबटूर), मुमुक्षु कल्प मेहता, विशाल पारीख (वाव-सूरत), एवं मनोज संकलेचा (टापरा-सूरत) का दीक्षा पूर्व अभिनंदन हुआ।

विशाल सभा को संबोधित करते हुए साध्वी श्री मधुबाला जी ने कहा कि मनुष्य जीवन दुर्लभ है, दीक्षा ही मोक्ष का श्रेष्ठ मार्ग है। दीक्षा का अर्थ है राग से विराग की ओर, बंधन से मुक्ति की ओर। उन्होंने सभी दीक्षार्थियों के द्रढ़ संकल्प की सराहना करते हुए उज्ज्वल भविष्य के लिए मंगल आशीष प्रदान किए।

साध्वी विज्ञानश्री जी, सौभाग्यश्री जी, मंजुलयशा जी एवं मेधावी प्रभा जी ने भी दीक्षार्थियों को आशीर्वाद दिया।

दीक्षार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए- अंजलि जी ने बहनों और साध्वी वृंद से प्रेरित होकर वैराग्य भाव जागृत होने की बात कही। कल्प मेहता ने बचपन में आचार्यश्री के आशीर्वाद को प्रेरणा का कारण बताया। विशाल पारीख ने संयम जीवन की ओर बढ़ने की अनुभूति व्यक्त की। मनोज संकलेचा ने मुनि श्री दिनेश कुमार जी और साध्वी मधुबाला जी की प्रेरणा से जीवन परिवर्तन का अनुभव साझा किया।

संयोजिका साध्वी श्री मंजुलयशा जी ने सभी को दीक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और आध्यात्मिकता की ओर बढ़ने का आह्वान किया।

तेरापंथ सभा अध्यक्ष निर्मलजी चपलोत, पूर्व अध्यक्ष बसंतीलाल नाहर, मंत्री महेन्द्र गांधी मेहता सहित गणमान्यजनों ने मंगलकामनाएं दी। तेरापंथ महिला मंडल, युवक परिषद, अणुव्रत समिति द्वारा सुंदर गीत प्रस्तुत हुए। संचालन मंत्री श्री मुकेश जी बाबेल ने किया। स्थानकवासी जैन समाज के प्रतिनिधियों ने भी दीक्षार्थियों का बहुमान किया।

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