Uncategorized

आत्मा के बोध से होता है पाप कर्मों से छुटकारा : शिवाचार्य डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा.

सूरत। आत्म भवन, बलेश्वर।
आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. ने आत्म भवन में आयोजित प्रवचन में फरमाया कि मनुष्य अपने जीवन को स्थायी बनाए रखने की झूठी लालसा में पाप कर्मों का बंधन करता है। उन्होंने कहा कि यश, पद-प्रतिष्ठा, ख्याति, धन-संपत्ति, मनोरंजन के साधनों की अनियंत्रित इच्छा व्यक्ति को बंधन में डालती है। व्यक्ति शारीरिक दुःखों से बचने के लिए हिंसा की प्रवृत्ति तक अपनाता है, जो आत्मिक पतन का कारण है। उन्होंने कहा कि जब आत्मा का बोध हो जाता है तो व्यक्ति समझ जाता है कि मृत्यु केवल शरीर की होती है आत्मा अजर-अमर है।

आचार्य श्री ने फरमाया कि जीवन में आत्मा का महत्व समझने वाला व्यक्ति किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति आसक्ति नहीं रखता। उन्होंने रतन टाटा, अब्दुल कलाम, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जैसे महापुरुषों का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने सादगीपूर्ण जीवन जिया और गरीबों के हित में काम किया। जो व्यक्ति जीवन का यथार्थ समझता है वह पाप कर्म के बंधन से बच सकता है।

प्रमुख मंत्री श्री शिरीष मुनि जी म.सा. ने फरमाया कि वीतराग पथ में सबसे बड़ी बाधा पुद्गल और पुद्गल का चिंतन है। उन्होंने तुंबे का दृष्टांत देते हुए समझाया कि जैसे तुंबे पर आवरण चढ़ने से वह भारी होकर डूब जाता है वैसे ही आत्मा पर कर्म के आठ आवरण चढ़ते हैं। पर आत्म साधना और उपासना से यह आवरण धीरे-धीरे हटते हैं और आत्मा हल्की होकर सिद्धशिला की ओर अग्रसर होती है।

सहमंत्री श्री शुभम मुनि जी म.सा. ने “जिंदगी में हजारों से मेला जुड़ा, हंस जब-जब उड़ा वो अकेला उड़ा” समधुर भजन की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भावविभोर किया।

इस अवसर पर सचिन के श्री कुलपदीप कुमार चंगेड़िया ने 11 उपवास, श्रीमती संजू रविप्रकाश पिछोलिया ने 7 उपवास, अमरोली के श्री प्रकाशचंद पोरवाल ने 8 उपवास एवं श्रीमती चुकाबेन पोरवाल ने 3 उपवास की तपस्या का प्रत्याख्यान लिया। तपस्वियों का सम्मान आत्म ध्यान फाउंडेशन द्वारा माला एवं शॉल अर्पण कर किया गया।

कार्यक्रम में पारस चैनल के एडमिनिस्ट्रेटिव एंड सेल्स हेड श्री हिमांशु जैन एवं हमारा मैट्रो समाचार प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button