“सच्चा मित्र वही जो संकट में साथ दे”-आचार्य जिनमणिप्रभसूरी
चतुर तो एकलो भलो मुर्ख भला ना साठ-खरतरगच्छाधिपति

चतुर तो एकलो भलो मुर्ख भला ना साठ-खरतरगच्छाधिपति
मोबाइल के युग में वो नम्बर सच्चा जो आपात में याद रहे-खरतरगच्छाधिपति*
15 जुलाई से शुरू होगी दादा जिनदतसूरी तप की तपस्या
बाड़मेर। दुर्जन करूणा बुरी भलो साई को त्रास, बादल जब गर्मी करें तब बरसन की आस। हमारी कमिया बताने वाला ही हमारा सच्चा हितेषी है। वही हमें उन कमियों को दुर करने में मदद करने वाला है तभी तो वो हमें बता रहा है कि बेहतर कैसे बने। आपका विरोधी तो आपकों तारीफो के पूल बांधकर आपकों गिराने का कार्य करेगा। ये बात खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. ने शुक्रवार को सुधर्मा प्रवचन वाटिका में आयोजित दैनिक प्रवचन माला के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को कही। सरल भाषा में वृतांत सुनाते हुए आचार्यश्री ने कहा कि चन्दन की चुटकी भली, गाडो भरया ना काठ, चतुर तो एकलो भलो मुर्ख भला ना साठ। आपका एक चतुर साथी आपके जीवन में खुषीयों गागर भर सकता है। अधिक दोस्त हो वो वक्त पर काम ना आने वाले हो तो संख्या बल का क्या करना। इसलिए व्यक्ति को पहचाने एवं ऐसे रिश्ते एवं मित्र बनाएं जो आपके हर समय में साथ खडे़ रह सके। उन्होंने प्रवचन को आधुनिकरण की तरफ ले जाते हुए कहा कि आपके मोबाइल में आज के समय में सैकड़ो संख्या में फोन नम्बर सेव होंगे पर आपातकाल के दौरान जिसका नम्बर याद आए वही कान्टेक्ट है बाकी तो सब टेक्स्ट है। स्क्रोल की दुनिया में आप सैकेण्ड से भी कम समय में ये तय कर लेते है कि रील देखने लायक है के नही मगर सच्चा साथी बनाने एवं ढूढने में ये गलती कभी मत करना। अन्धेरे से प्रकाश की ओर से ले जाने वाले साथी ढूंढकर निकालना ही आपके जीवन की सार्थकता, सफलता को तय करेंगा। आचार्यश्री ने संतो महात्माओं, पोराणिक कथाओं के माध्यम से स्वयं के आंकलन का तरीके बताएं।
खरतरगच्छ संघ चातुर्मास कमेटी के ट्रस्टी पुखराज भंसाली व मुकेश धारीवाल ने बताया कि खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा व बहिन म.सा. साध्वी विधुत्प्रभा श्रीजी के सानिध्य मेें श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास व्यवस्था कमेटी के तत्वावधान में सुधर्मा प्रवचन वाटिका में संघ शास्ता वर्षावास 2025 के शुक्रवार को चातुर्मासिक प्रवचन प्रातः 09.15 बजे से 10.15 बजे तक आयोजित हुआ। मीडिया संयोजक कपिल मालू ने बताया कि खरतरगच्छ संघ में तपस्या की कड़ी में सांकलिया तेला, सांकलिया आयंबिल तप की तपस्या निरंतर जारी है। 2026 में चादर महोत्सव निमिते 31 दिवसीय दादा जिनदत सूरी तप के अन्तर्गत एकान्तर उपवास व बियासना की तपस्या 15 जुलाई से शुरू होगी, जिसमें माला 9 पद की ओम हृी श्री जिनदतसूरी सदगुरूभ्यों नमः, 09 बार दादा गुरूदेव इक्कतीसा पाठ, 09 स्वास्तिक, 09 लोग्स्स का कायोत्सर्ग, 09 खमासणा प्रतिक्षणा के साथ दिये जायेंगे, इस तपस्या का समापन 15 अगस्त को होगा। बाहरी राज्यो ंसे अतिथियों का आगमन निरंतर है, जिसमें बैंगलोर से केयुप केन्द्रिय समिति से ललित डाकलिया पधारे जिनका समिति द्वारा अभिनन्दन किया गया।
प्रेषक-कपिल मालू