आचार्य महाश्रमणजी का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश आज गांधीनगर कोबा में
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत रहेंगे मुख्य अतिथि, 900 कुटीरों सहित विशाल धर्मनगरी तैयार

अहमदाबाद। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अधिशास्ता, युगप्रधान, अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमणजी का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश रविवार, 6 जुलाई को गांधीनगर के कोबा क्षेत्र स्थित प्रेक्षा विश्व भारती परिसर में सानंद समारोह के साथ संपन्न होगा। इस अवसर पर गुजरात राज्यपाल महामहिम श्री आचार्य देवव्रतजी विशेष अतिथि के रूप में सान्निध्य प्रदान करेंगे।
आचार्यश्री के चातुर्मास प्रवेश के लिए प्रवेश रैली प्रातः 8.30 बजे कोबा स्थित महावीर आराधना केंद्र से आरंभ होगी, जो प्रातः 9.31 बजे प्रेक्षा विश्व भारती परिसर पहुंचेगी। वहां प्रातः 10 बजे से आचार्य श्री के सान्निध्य में आध्यात्मिक कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा। इस ऐतिहासिक अवसर की व्यापक तैयारियों के तहत हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति अपेक्षित है।
18 सौ किलोमीटर की पदयात्रा से जगी आध्यात्मिक चेतना
गौरतलब है कि आचार्य श्री महाश्रमणजी ने पूर्व चातुर्मास के पश्चात गुजरात के सैकड़ों गांवों व नगरों में अहिंसा, संयम, नैतिकता और नशामुक्ति का संदेश देते हुए लगभग 1800 किलोमीटर की पदयात्रा पूर्ण की। इस दौरान सौराष्ट्र, कच्छ, मोरबी, गांधीधाम, पालनपुर, डीसा, वडनगर, मोडासा, वडोदरा आदि क्षेत्रों में हजारों श्रद्धालु उनके दर्शन, वंदन व प्रवचन से लाभान्वित हुए। यात्रा के माध्यम से समाज में नई जागृति, सद्भावना व आत्मविकास का संकल्प प्रबल हुआ।
कोबा में बसी अस्थायी धर्मनगरी, 46 बीघा में सुव्यवस्थित निर्माण
आचार्यश्री के चातुर्मास हेतु गांधीनगर के कोबा में प्रेक्षा विश्व भारती परिसर को एक सुव्यवस्थित धर्मनगरी के रूप में विकसित किया गया है। कुल लगभग 46 बीघा में फैले परिसर में देश-विदेश से पधारने वाले 2500 से अधिक श्रावक-श्राविकाओं के ठहरने हेतु 900 से अधिक अस्थायी कुटीरों का निर्माण करवाया गया है।
सुविधाजनक प्रवास के लिए परिसर में 50 से अधिक अस्थायी दुकानें, एक सुपर मार्केट, चिकित्सालय, कांफ्रेंस हॉल, विशाल भोजनशाला, प्रवचन पांडाल, व सेवा केंद्र की व्यवस्था की गई है।
विशेष आकर्षण व सेवाएं – आधुनिकता और अध्यात्म का समन्वय
इस बार के चातुर्मास आयोजन में अनेक विशेष आकर्षण भी श्रद्धालुओं के केंद्र में हैं –
- 6,000 श्रद्धालुओं की क्षमता वाला प्रवचन पांडाल, जिसमें अत्याधुनिक साउंड व दर्शन प्रणाली से युक्त व्यवस्था
- भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी प्रदर्शनी – जिसमें आचार्य भिक्षु के जीवन, दर्शन और योगदान को आकर्षक माध्यमों से दर्शाया गया है
- प्रेक्षा ध्यान पिरामिड व विशेष जाप स्थल – साधना, ध्यान व मनोविज्ञान आधारित अनुभूतियों के लिए
- किड्स जोन – बच्चों के नैतिक विकास, ज्ञान व रचनात्मक गतिविधियों हेतु समर्पित स्थल
- 4,000 से अधिक व्यक्तियों की क्षमता वाली भोजनशाला, जो प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को सात्विक भोजन उपलब्ध कराएगी
- समस्त संचालन हेतु 300 कर्मचारी और 150 प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की सेवाएं सुचारु रूप से समर्पित रहेंगी
2023 में अल्पकालिक प्रवास, 2025 में पूर्ण चातुर्मास का सौभाग्य
उल्लेखनीय है कि 2023 में अहमदाबाद को आचार्यश्री के अल्पकालिक प्रवास का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, और अब 2025 में यह नगर पूर्ण चातुर्मासिक प्रवास से गौरवान्वित हो रहा है। इस बार न केवल जैन समाज बल्कि जैनेतर श्रद्धालु वर्ग में भी व्यापक श्रद्धा और उत्साह का वातावरण है। हजारों परिवार इस आयोजन से जुड़कर आध्यात्मिक उन्नयन की अनुभूति करेंगे।
आयोजन समिति कृतसंकल्पित, तन-मन-धन से जुटे कार्यकर्ता
इस पूरे आयोजन को भव्यातिभव्य व ऐतिहासिक बनाने हेतु आचार्य महाश्रमण चातुर्मास प्रवास समिति अहमदाबाद पूर्ण रूप से सक्रिय है। समिति के अध्यक्ष श्री अरविंद संचेती, महामंत्री श्री अरुण बैद, एवं तेरापंथ संघ की समस्त संस्थाएं, संगठन व कार्यकर्ता गत कई महीनों से तन-मन-धन से जुटे हुए हैं।
परिसर के प्रत्येक अंग को सुव्यवस्थित व समर्पित सेवाभाव से संवारने में कार्यकर्ताओं ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। अतिथियों के स्वागत से लेकर साधकों की साधना तक, हर स्तर पर व्यवस्थाएं उत्कृष्टता की दृष्टि से तैयार की गई हैं।
आचार्यश्री महाश्रमणजी का यह चातुर्मास न केवल तेरापंथ धर्मसंघ बल्कि सम्पूर्ण समाज के लिए धार्मिक जागरण, सेवा, साधना और संयम का एक प्रेरणापुंज बनकर रहेगा।