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इन्सान को इन्सान बनाकर रखें यही धर्म का मर्म-आचार्य मणिप्रभसूरीश्वर म.सा.

आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. का बाड़मेर में चातुर्मास प्रवेश 6 जुलाई को

चातुर्मास को लेकर तैयारियां जोरो पर, प्रवेश पर स्वागत में मार्गो पर लगेंगे 40 तोरण द्वार

चातुर्मास में प्रवचन के लिए बना बड़ा डाॅम, बाहरी राज्यों से हजारों गुरूभक्त पहुंचेंगे नगर प्रवेश में

40 वर्ष बाद आचार्यश्री का चातुर्मास वापस बाड़मेर खरतरगच्छ संघ में होगा, चतुर्विध संघ करेगा अगुवानी

बाड़मेर। जीवन में बदलाव लाने, जीवन में परिर्वतन लाने एवं जीवन के मूल्यों को समझने का सबसे अहम समय है चातुर्मास। इस दौरान सन्तो के साथ में रहकर प्रवचन सुनकर, तप आराधना कर जीवन के मूल्य को जानकर अपने जीवन को कैसे सुखमय तरीके से जीए की सिख देता है चातुर्मास। ये बात खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि चातुर्मास दो मुख्य बाते होती है प्रथम स्वयं की आत्मा का कल्याण करने के लिए स्वयं को समझने के लिए तप, जप, आराधना एवं साधना का उपयुक्त समय चातुर्मास है। चार माह में प्रत्येक दिन प्रवचन, महापूजन सहित कई आयोजन होंगे, ये आयोजन जीवन का सुखमय रखने का मूलमंत्र प्रदान करेगें। धर्म वही है जो इन्सान को इन्सान बनाकर रख सकें आप किसी भी धर्म मे है आप परोपकार की भावना रखंे। प्राणी मात्र का बुरा सोचना किसी धर्म का हिस्सा नही है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर कहते है कि अहिंसा परमो धर्म अर्थात किसी जीव तक को दुख ना पहुंचे चाहे वो छोटा जीव हो या इन्सान जीव तो सभी में बराबर ही है। इस बारिश के मौसम में जीव अधिक संख्या में पैदा होते है उन्हे किसी तरह का नुकसान जाने अन्जाने में ना पहुंचे इसी लिए वर्षाकाल के दौरान संत स्थाई बसेरा करते हुए जीवों की रक्षा के लिए स्वयं तप आराधना करते है एवं पारिवारिक जीवन जीने वालों को भी तप करने की प्रेरणा देेने का कार्य करते है।
चातुर्मास को लेकर तैयारियां जोरो पर-थार नगरी बाड़मेर में जैन समुदाय के श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ में खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. व बहिन म.सा. साध्वी डाॅ. विधुत्प्रभाश्री आदि ठाणा का 2025 के संघशास्ता वर्षावास 2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास व्यवस्था कमेटी बाड़मेर के अध्यक्ष अशोक धारीवाल व सचिव बाबुलाल बोथरा हेमरत्न ने बताया कि आचार्यश्री म.सा. व बहिन म.सा. आदि ठाणा का खरतरगच्छ संघ की राजधानी बाड़मेर नगर में चातुर्मासिक नगर प्रवेश कल रविवार 06 जुलाई को गाजे बाजे व सामैया के साथ कल्याणपुरा पाश्र्वनाथ जिनालय, महावीर चोक से होगा। गुरुदेव का बाड़मेर में चातुर्मास दीक्षा के बाद प्रथम चातुर्मास गुरूदेव आचार्य कांतिसागरसूरीजी म.सा. के साथ करिब 40 साल पहले हुआ था, इसके बाद वापस 2025 का चातुर्मास बाड़मेर में हो रहा है, जिनके स्वागत के लिए बाड़मेर नगर प्रवेश में मुख्य मार्गो पर 40 तोरण द्वार व चतुर्विध संघ की अगुवानी में होगा स्वागत। चातुर्मास को भव्यता प्रदान करने के लिए बाड़मेर जैन समाज के लोग तन मन धन से लगे हुए है। बाड़मेर खरतरगच्छ संघ को चालीस वर्ष बाद खरतरगच्छाधिपति व बहिन म.सा. का एक साथ चातुर्मास प्राप्त होने से संघ में हर्ष एवं उल्लास का माहौल बना हुआ है एवं चातुर्मास प्रवेश को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही जो चरम पर है। चातुर्मास के चार माह आध्यात्मिक प्रवचनों की अविरल गंगा बहेगी एवं त्याग, तप, आराधना की त्रिवेणी संगम होगा। गुरूदेव के 06 जुलाई को चातुर्मास प्रवेश पर बाहर आने वाले गुरूभक्तों के लिए आवास की व्यवस्था की कमान सतीष छाजेड़ व कैलाश धारीवाल ने सम्भाले रखी है।
चातुर्मास प्रवेश की यहां से निकलेगी भव्य शोभायात्रा-मीडिया संयोजक कपिल मालू ने बताया कि खरतरगच्छाधिपति व बहिन म.सा. के चातुर्मास प्रवेश की शोभायात्रा कल्याणपुरा पाश्र्वनाथ मन्दिर महावीर चैक से भव्य सामैया के साथ रविवार को प्रातः 08.00 बजे प्रारम्भ होगी जो नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए चातुर्मास स्थल जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन होती हुई, प्रवचन स्थल सुधर्म प्रवचन वाटिका कोटड़िया नाहटा ग्राउण्ड विधापीठ के पास पहुंचेगी, जहां पर प्रवचन सभा का आयोजन होगा। प्रवेश शोभायात्रा में राजस्थानी गैर नृत्य, रंगोलियां, घोड़े, बैण्ड, ढ़ोल इत्यादि मुख्य आकर्षक के केन्द्र रहेगें।
चातुर्मास की झलकियां- संघ उपाध्यक्ष ओमप्रकाश भंसाली व कोषाध्यक्ष बाबूलाल छाजेड़ कवास ने बताया कि चातुर्मास में प्रतिदिन प्रातः नित्य भक्तामर पाठ, गुरू इकतीसा पाठ, महामंत्र नवकार आराधना, महापूजन, संस्कार-ज्ञान-ध्यान शिविर, शंखेश्वर अट्ठम, तत्वरसिक प्रवचन, नित्य सामायिक-प्रतिक्रमण, पापों के प्रक्षालन हेतु पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व की सामुहिक आराधना आदि अनेकविध अभूत अनुष्ठान इत्यादि अनके कार्यक्रम इस चातुर्मास के दौरान सम्पन्न होगें। चार माह में 10 जुलाई गुरू पूर्णिमा, 30 जुलाई खरतरगच्छ दिवस, 20 अगस्त पर्युषण महापर्व प्रारम्भ, 27 अगस्त संवत्सरी महापर्व, 22 सितम्बर महामांगलिक, 29 सितम्बर ओलीजी आराधना प्रारम्भ, 07 अक्टूबर नवपद ओलीजी समापन सहित कई कार्यक्रम होंगे। चातुर्मास में गुरूदेव का प्रतिदिन प्रवचन प्रातः 09.15 बजे से 10.15 बजे तक होगा।

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