सूरत की 121 टेक्सटाइल मार्केटों में गूंजेगा “जय मां तापी”–जन्म महोत्सव पर होगा भव्य आयोजन
श्री अखिल भारतीय जीण माता सेवा संघ एवं तापी कुबेरेश्वर महादेव समिति के संयुक्त तत्वावधान में 2 जुलाई को मनाया जाएगा मां तापी प्राकट्य महोत्सव

सूरत।सूरत के व्यापारिक और धार्मिक परिदृश्य में एक विशेष स्थान रखने वाली मां तापी का जन्मोत्सव इस वर्ष भी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। श्री अखिल भारतीय जीण माता सेवा संघ सूरत द्वारा यह आयोजन 2 जुलाई, बुधवार को रिंग रोड एवं सारोली क्षेत्र की लगभग 121 टेक्सटाइल मार्केटों में एक साथ आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम संयोजक प्रहलाद मित्तल ने बताया कि सूरत की अधिष्ठात्री देवी मां तापी—जिन्होंने प्रवासी और अप्रवासी व्यापारियों को व्यापार, मान-सम्मान और समृद्धि प्रदान की—के प्रति आभार प्रकट करने हेतु सभी मार्केट अध्यक्षों को “तापी कलश” अर्पित किए गए हैं। प्रत्येक कलश के साथ एक पूजन किट भी प्रदान की गई है, जिसमें चुनर, दीपक, कुमकुम-चावल, अगरबत्ती, माचिस, आरती पत्रक और मोदक प्रसाद सम्मिलित है।
संघ की ओर से 3-3 सदस्यों की टीमों का गठन किया गया, जिन्होंने सभी मार्केट अध्यक्षों से व्यक्तिगत संपर्क कर उन्हें अपने-अपने मार्केट परिसर में व्यापारिक बंधुओं के साथ सामूहिक रूप से तापी महापूजन एवं आरती आयोजित करने का आग्रह किया है।
इस आयोजन का मुख्य कार्यक्रम बुधवार, 2 जुलाई को शाम 4 बजे, तापी कुबेरेश्वर महादेव ओवारा, उमरा पुल के पास, आरटीओ के आगे, पाल रोड स्थित प्रांगण में बड़े ही धूमधाम से आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन श्री जीण माता सेवा संघ एवं तापी कुबेरेश्वर महादेव समिति के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न होगा।
डिजिटल माध्यमों से भी श्रद्धालुओं को जोड़ते हुए, संघ द्वारा मां तापी की मनोहारी डीपी तैयार की गई है, जिसे सभी सूरतवासियों से अपने व्हाट्सएप डीपी और स्टेटस पर लगाने का आग्रह किया गया है। इसके साथ ही मां तापी की आरती एवं उनके 108 नामों को व्हाट्सएप, फेसबुक एवं इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है।
संघ ने यह भी अनुरोध किया है कि हर श्रद्धालु “एक दीप मां तापी के नाम” प्रज्वलित करे, गुड़ का भोग लगाए और “तापी शुद्धिकरण” एवं “बेटी बचेगी तो सृष्टि रचेगी” जैसे पवित्र संकल्प के साथ इस आयोजन का भाग बने।
इस आयोजन को सफल बनाने में आशु गर्ग, भेरू जैन, मनोज शर्मा, शंकर कटोडा, गोविंद जिंदल, सुमित मारू, हेमंत भोगर, रघु खंडेलवाल, राजेश काबरा, राजेंद्र राजपुरोहित, पिंटू यादव, दिलीप पटेल, मनोज खंडेलवाल, बनवारी क्याल, दिनेश जैन, रमेश खंडेलवाल, वेद प्रकाश शर्मा, गौरव बजाज सहित कई समाजसेवी कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका रही।
यह भव्य आयोजन श्रद्धा, संस्कृति और सामाजिक एकता का प्रतीक बनकर सूरत के धार्मिक इतिहास में एक गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ेगा।