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प्रतिभा बोथरा की 🖊️ से

 

क्यों वो देख नहीं रहे?
क्यों वो रोक नहीं रहे?

यह हाहाकार
यह चीख चीत्कार
यह करुण पुकार
यह मदद की गुहार
यह आंसुओं की धार
यह बारूदी गुब्बार
यह विध्वंशी विचार
यह खूनी हथियार
यह मानवता की हार
यह उजड़ते घर बार
यह मरते लाचार
यह अस्तित्व पे प्रहार
यह रिश्तो में खार
यह शस्त्रों का व्यापार
यह बमों की बौछार
यह लाशों के अंबार
यह लूटते श्रृंगार
यह मासूमो की सिसकार
यह खामोश हुंकार
यह सत्ता के मक्कार
यह शक्ति का अहंकार
यह विनाश की कगार
यह विकास पे वार
यह हिंसा के तार
यह अंत के अंगार
यह नरसंहार , नरसंहार, नरसंहार
क्यों वो देख नहीं रहे? क्यों वो रोक नहीं रहे?

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