गुजरातसामाजिक/ धार्मिकसूरत सिटी

भारतीय जैन संगठना, सूरत द्वारा विशेष जिज्ञासा समाधान सत्र आयोजित

गुरुदेव श्री मनोज्ञ सुरीश्वरजी की पावन निश्रा में सेवा और संस्कार का संगम

hसूरत। खरतरगच्छाधिपति, आचार्य वसीमालानी रत्न शिरोमणि, मरुधर रत्नाकर संघ एकता सूत्रधार गुरुदेव श्रीमनोज्ञ सुरीश्वरजी महाराजसा की पावन निश्रा में भारतीय जैन संगठना, सूरत द्वारा एक विशेष जिज्ञासा समाधान सत्र का आयोजन वास्तुग्राम अपार्टमेंट परिसर में संपन्न हुआ।

आध्यात्मिक संवर्धन को समर्पित इस आयोजन में भारतीय जैन संगठना, सूरत के संस्थापक गणपतजी भंसाली एवं अजयजी अजमेरा की अध्यक्षता रही। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री हस्तीमलजी बांठिया, मंत्री आज़ाद संचेती, उपाध्यक्ष किशोरजी भंसाली एवं डॉ. श्रेयांश नीलखे के नेतृत्व में किया गया।

गुरुदेव श्री ने अपने ओजस्वी प्रवचन में सेवा, सद्भावना, संयम एवं समर्पण के महत्व को विस्तार से समझाते हुए आत्मकल्याण की दिशा में जीवन को प्रेरित करने वाली अमूल्य शिक्षाएं दीं। उन्होंने बताया कि निष्ठा और अनुशासन ही जीवन की सच्ची दिशा तय करते हैं।

इस अवसर पर वात्सल्यपुरम के बच्चों द्वारा गुरु भक्ति भजन प्रस्तुत कर जिन शासन की प्रभावना की गई। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कवयित्री सोनल जैन ने गुरु भक्ति से ओतप्रोत काव्यपाठ कर वातावरण को भाव-विभोर कर दिया। वात्सल्यपुरम प्रभारी श्रीमती गीताबेन ने अनाथ बच्चों के जीवन में जैन संस्कारों की भूमिका और उनके प्रभाव की जानकारी दी।

सेवा भाव को प्रोत्साहित करते हुए श्री कमल दीपक बोथरा ने बच्चों के कल्याण हेतु आर्थिक सहयोग राशि भेंट की। कार्यक्रम के अंत में निशा पंकज सेठिया ने गुरुदेव श्री एवं सभी गणमान्य अतिथियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की एवं आगामी मुंबई चातुर्मास में सामूहिक दर्शन की भावना व्यक्त की।

यह विशेष सत्र सेवा, भक्ति एवं जैन संस्कारों के संगम का अनुपम उदाहरण बनकर संपन्न हुआ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button