
सूरत। एयरपोर्ट के निकटवर्ती क्षेत्रों में ऊंची इमारतों और निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स में एंटी-कोलिजन लाइट्स की अनुपस्थिति और अधिक ऊंचाई वाले टावर क्रेन के उपयोग को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए सूरत एयरपोर्ट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष संजय इझावा ने एक बार फिर संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इसे एयरक्राफ्ट एक्ट, 1994 के उल्लंघन की संज्ञा दी है और कहा है कि यह विमानों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका है।
एंटी-कोलिजन लाइट्स का अभाव – नियमों का उल्लंघन
संजय इझावा ने पत्र में बताया कि हाल ही में यह देखा गया है कि एयरपोर्ट के आसपास कई ऊंची इमारतों पर अब तक एंटी-कोलिजन लाइट्स नहीं लगाई गई हैं। ये लाइटें विमान की टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय पायलट्स को ऊंची संरचनाओं की उपस्थिति से आगाह करने के लिए अनिवार्य हैं। नियमानुसार, सूर्यास्त से सूर्योदय तक इन लाइट्स को लगातार झिलमिलाते रहना चाहिए, जिससे विजिबिलिटी कम होने पर भी पायलट्स को स्पष्ट संकेत मिल सके।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की ओर से तय की गई अनुमत ऊंचाई सीमा का उल्लंघन करते हुए कई इमारतें इस दायरे में आ रही हैं, जिनकी NOC रद्द करने की स्थिति बनती है, और उनके विरुद्ध एयरक्राफ्ट एक्ट, 1994 के तहत कानूनी कार्रवाई भी बनती है।
NOC से अधिक ऊंचाई वाले टावर क्रेन – हवाई सुरक्षा के लिए सीधा खतरा
पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कुछ निर्माणाधीन इमारतों पर ऐसे टावर क्रेन लगाए गए हैं, जिनकी ऊंचाई निर्धारित NOC से भी अधिक है। यह स्थिति और अधिक खतरनाक है क्योंकि इन क्रेनों की ऊंचाई इमारत से भी ज्यादा हो जाती है और ये एयर ट्रैफिक के लिए अवरोध उत्पन्न करते हैं। क्रेनों के शीर्ष पर भी एंटी-कोलिजन लाइट्स अनिवार्य हैं, जो अधिकांश मामलों में नहीं लगाई गई हैं।
एयरफील्ड संचालन में खतरा
इस प्रकार के उल्लंघन से एयरफील्ड संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही है, खासकर धुंध और बारिश जैसे मौसम में, जब दृश्यता कम हो जाती है। पायलटों के लिए टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय आसपास मौजूद बहुमंजिला इमारतों और ऊंचे क्रेनों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे में एंटी-कोलिजन लाइट्स उनकी दृष्टि सहायता का अहम माध्यम होती हैं।
तत्काल कार्रवाई की मांग
सूरत एयरपोर्ट एक्शन कमेटी ने मांग की है कि सूरत नगर निगम और निर्माणकर्ता कंपनियां विमान व यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए तुरंत कार्रवाई करें:
***एयरपोर्ट के दायरे में आने वाली सभी ऊंची इमारतों पर एंटी-कोलिजन लाइट्स लगाई जाएं।
**सभी निर्माण स्थलों पर टावर क्रेन की ऊंचाई AAI द्वारा निर्धारित NOC मानदंडों के अनुरूप की जाए।
**क्रेनों के शीर्ष पर भी झिलमिलाती सुरक्षा लाइट्स लगाना अनिवार्य किया जाए।
यह मुद्दा केवल नियमों का उल्लंघन नहीं बल्कि हवाई सुरक्षा से सीधा जुड़ा मामला है। समय रहते इन खतरों को नियंत्रित किया गया, तो भविष्य में किसी बड़ी दुर्घटना की संभावना को टाला जा सकता है।