
सूरत। शहर में कानून व्यवस्था को बनाए रखने और गंभीर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस आयुक्त अनुपमसिंह गहलोत ने सख्त कदम उठाते हुए कुल 32 असामाजिक तत्वों को पासा (प्रीवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटीज एक्ट) के तहत गिरफ्तार कर राज्य की विभिन्न जेलों में भेजा है।
इनमें व्यापारियों के साथ धोखाधड़ी करने वाले, अवैध रूप से सूदखोरी कर पथानी उगाही करने वाले, देह व्यापार में लिप्त अपराधी, नाबालिग लड़कियों का अपहरण करने वाले तथा आरटीआई एक्टिविस्ट के रूप में फर्जीवाड़ा करने वाले शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 27 जुलाई को की गई इस कार्रवाई में शहर के विभिन्न इलाकों से अपराधियों को गिरफ्तार कर भुज और राजकोट की जेलों में भेजा गया है। इनमें कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- सुरेंद्रसिंह उर्फ सुरेन्द्र दिलजीतसिंह छाबड़ा (रहवासी रोजवुड अपार्टमेंट, योगीधाम, कल्याण वेस्ट, महाराष्ट्र), जो व्यापारियों के साथ ठगी के मामलों में संलिप्त था, उसे भुज जेल भेजा गया।
- राहुल सहेबराव साबले, जो उधना, लस्काणा और चौकबाजार क्षेत्रों में जरूरतमंदों को अवैध रूप से ऊँचे ब्याज पर पैसा देकर पथानी उगाही करता था, उसे राजकोट जेल भेजा गया।
- अजय रमेश शिरोया और सागर शामजी परमार को भी पासा के तहत भुज जेल भेजा गया।
- वेसु और उमरा क्षेत्र में देह व्यापार चलाने वाला आरोपी अंगदकुमार मोतीभाई प्रजापति भी भुज जेल में बंद किया गया।
- डिंडोली क्षेत्र की एक नाबालिग युवती को प्रेमजाल में फंसाकर भगाने वाला आरोपी विशाल रामचंद्र पाटिल को राजकोट जेल में भेजा गया।
इसके अलावा अन्य 26 आरोपियों को मिलाकर कुल 32 असामाजिक तत्वों को पासा के तहत हिरासत में लेकर राज्य की विभिन्न जेलों में भेजा गया है। पुलिस कमिश्नर की यह कार्रवाई शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में सख्त और स्पष्ट संदेश मानी जा रही है।