सूरत के टेक्सटाइल व्यापारी के 19 वर्षीय पुत्र भव्य मेहता संयम मार्ग पर अग्रसर-7 नवंबर को सूरत में दीक्षा समारोह

सूरत। ओंकारसुरी आराधना भवन-पाल में श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण वातावरण में भव्य मेहता की दीक्षा तिथि का मुहूर्त अर्पण किया गया। भव्य सूरत के प्रमुख टेक्सटाइल व्यापारी राजेशभाई मेहता के इकलौते पुत्र हैं, जो अब सांसारिक मोह-माया का त्याग कर संयम का मार्ग अपना रहे हैं।
भक्तियोगाचार्य पूज्यश्री यशोविजयसूरीश्वरजी महाराज और शास्त्र संशोधक आचार्य पूज्यश्री मुनिचंद्रसूरीश्वरजी महाराज सहित अनेक साधु-साध्वी भगवंतों की निश्रा में यह ऐतिहासिक दीक्षा समारोह आगामी 7 नवंबर 2025 को सूरत में आयोजित किया जाएगा, जिसमें भव्य दीक्षा लेकर आध्यात्मिक जीवन की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।
सामान्यतः आज की युवा पीढ़ी जहाँ भौतिक सुख-सुविधाओं और मनोरंजन की ओर आकृष्ट होती है, वहीं 19 वर्षीय भव्य मेहता का यह निर्णय समाज में एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। भव्य ने 12वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है और परीक्षा के पश्चात वे जैन मुनियों के सान्निध्य में रहने लगे थे।
भव्य को खेलकूद, विशेषकर क्रिकेट में विशेष रुचि थी, और पढ़ाई से अधिक समय वे खेल गतिविधियों में व्यतीत करते थे। ऐसे में उनका संयम पथ पर चलने का निर्णय प्रारंभ में उनके परिवार, विशेषकर पिता राजेशभाई के लिए अप्रत्याशित और भावनात्मक रूप से कठिन था, क्योंकि वे उनके एकमात्र पुत्र हैं। परिवार में उनकी दो बहनें हैं जिनका विवाह हो चुका है।
धीरे-धीरे राजेशभाई ने यह स्वीकार किया कि उनके पुत्र का यह निर्णय न केवल पारिवारिक बल्कि सम्पूर्ण जैन समाज की गौरवशाली परंपरा को आगे ले जाने वाला है। उन्होंने भावुक हृदय से भव्य को दीक्षा की अनुमति प्रदान की और अपने पुत्र के इस अद्वितीय अध्यात्म पथ पर गर्व अनुभव किया।