मनोबली ही कर सकते तपस्या : मुनि दीपकुमार
दो बहनों ने आठ दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान किया

पल्लावरम.। तेरापंथ भवन, पल्लावरम (तमिलनाडु) में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री दीपकुमारजी ठाणा-2 के सान्निध्य में आयोजित प्रवचन सभा के दौरान दो तपस्वी बहनों ने अठाई तप (आठ दिन की तपस्या) का प्रत्याख्यान ग्रहण किया।
इस अवसर पर मुनिश्री दीपकुमार ने कहा कि मनोबल और संकल्प शक्ति रखने वाला व्यक्ति ही तपस्या कर सकता है। संसार में अनेक प्रकार के उत्सव मनाए जाते हैं, लेकिन जिनशासन में तप का उत्सव मनाया जाता है, जो अद्वितीय और विलक्षण है। उन्होंने कहा कि तप करना सहज कार्य नहीं है, बड़े-बड़े लोग भी इससे घबराते हैं, क्योंकि स्वाद सबको प्रिय होता है। सावन के महीने में जैसे वर्षा की झड़ी लगती है, वैसे ही तप की झड़ी लगनी चाहिए। गुरु कृपा से यह उपक्रम अनवरत आगे बढ़ता रहे।
मुनिश्री काव्यकुमारजी ने अपने प्रवचन में माया से बचकर जीवन में सरलता अपनाने का संदेश दिया।
प्रवचन के दौरान श्रीमती कृतिका सिसोदिया एवं श्रीमती विधि कटारिया ने अठाई तप का प्रत्याख्यान ग्रहण किया। तेरापंथी सभा की ओर से अध्यक्ष दिलीप भंसाली ने तपस्वी बहनों का अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर बहनों के परिवार की ओर से मंजुबाई मुथा सहित अन्य बहनों ने गीत प्रस्तुत किए, वहीं श्रीमती प्रियंका कटारिया ने प्रेरणादायक विचार रखे एवं कटारिया परिवार की महिलाओं ने सामूहिक गीत संगान किया।